सीडी रेश्यो का असंतुलन बिहार के पिछड़ेपन का प्रमुख कारण : राजीव रंजन
जितेन्द्र कुमार सिन्हा,पटना,। 6 मार्च ::
जदयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने बिहार के क्रेडिट डिपाजिट रेश्यो को राज्य के विकास में अवरोध का एक बड़ा कारक बताया है।
श्री प्रसाद ने कहा कि बैंकों की प्रतिबद्धता विकसित राज्यों के विकास को लेकर ज्यादा मुखर है
वहीं बिहार को लेकर बैंक अपनी अनुदार नीतियों एवं औपनिवेशिक सोच की वजह से इस राज्य का विकास लगातार बाधित करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार के क्रेडिट डिपाजिट रेश्यो का राष्ट्रीय औसत से अत्यंत पीछे रहने का प्रतिकूल असर औधोगिकरण, रोजगार सृजन,आधारभूत संरचना एवं मानव विकास सूचकांक पर पड़ा है।
श्री प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु समेत उच्च क्रेडिट डिपाजिट रेश्यो वाले राज्यों में विकास गाथा गढ़ने में बैंकों ने अभूतपूर्व भूमिका निभाई, वहीं बिहार पिछड़ता गया, क्योंकि बिहार की जनता की गाढ़ी कमाई देश के समृद्ध राज्यों के वैभव को बढ़ाने में बैंकों ने निवेश किया।
यदि यही राशि बिहार में उद्योग, एवं रोजगार सृजन के कार्य के लिए लगाया गया होता, तो यह राज्य कब समृद्ध हो गया होता।
उन्होंने बैकों के इस दलील को हास्यास्पद बताया है, जिसमें बिहार में ऋण वापसी की कठिनाइयों का हवाला दिया जाता है, सच तो यह है कि सभी कुख्यात बैंक घोटालों के केंद्र विकसित राज्यों में रहे हैं।
श्री प्रसाद ने कहा कि 2001 से 2005 तक यह अनुपात क्रमशः 23%, 21%, 25%, 27% एवं 30% रहा है जो आज पिछले पांच वर्षों से 43% से 46% के बीच है। इससे स्पष्ट है कि इसमें बढ़ोतरी हुई है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है, क्योकि राष्ट्रीय औसत (76.5%) से आज भी बिहार मीलों पीछे है।
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उन्होंने बैंको को बिहार के साथ न्याय करने के संबंध में अपील की है।