सेवा ही मेरा धर्म है-अजय प्रकाश पाठक

“सेवा ही मेरा धर्म है।मैं राजनीति में सिर्फ सेवा के लिए आया हूँ।नौकरशाह रहते हुए भी मैंने संविधान के आदर्शों को माना है और समाज मे खड़े अंतिम व्यक्ति तक इसका लाभ कैसे पहुँचे इसके लिए ही कार्य किया है।”
उपरोक्त बातें अजय प्रकाश पाठक ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।कांग्रेस ने इस बार उनकी पत्नी को टिकट क्यों नही दिया? इस सवाल का जवाब देते हुए श्री पाठक ने कहा देखिए मैं और मेरी पत्नी विगत एक दशक से सिर्फ सेवा को धर्म मान कर चल रहे है।टिकट देना या नही देना इसका फैसला पार्टी करती है।पर हम कैसे आम जनमानस को लाभ पहुचा पाए।ये कार्य सुनिश्चित करते है और हमेशा करते रहेंगे।जहाँ तक क्यों का प्रश्न है वो तो पार्टी हाईकमान ही बता सकती है।
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि “ब्राह्मण आपमे अपना प्रतिनिधि देख रहा था और ये(टिकट ना मिलना) उनको निराश करने जैसा है? श्री पाठक ने कहा कि ब्राह्मण,राजपूत,वैश्य, शुद्र,हिन्दु,मुस्लिम,सिख,ईसाई मै ऐसी बातों में विश्वास नही करता।मेरे लिए पूरा देश एक है।यहां के रहने वाले एक है।हां हमलोगों में जिसने भी खुद का प्रतिनिधि देखा है।हम लोग उनके शुक्र गुज़ार है।
बाबू धाम द्वरा किये गए कार्यो का उल्लेख करते हुए श्री पाठक कहते है कि पूरे लॉकडौन में हमने भोजन उपलब्ध कराए।कपड़े,दवाइयां उपलब्ध कराई।और इसमें हमारी प्रतिबद्धता झलकती है।विगत एक दशक से हमने जनमानस की सेवा के लिए जितने कार्य किये है।उतना ना तो किसी सांसद या विधायक ने किए है।ना किसी निकाय ने।
अपनी भविष्य की तैयारियों के सवाल पर वे कहते हैं कि हम अपनी महिला सशक्तिकरण के काम को और भी मजबूत करेंगे और युवाओ को रोजगार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।बाबू धाम ट्रस्ट चम्पारण में आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तन ला कर रहेगी।चम्पारण के लोगो का आव्हान करते हुए उन्होंने कहा कि आइए हम साथ मिलकर चम्पारण को पूरे देश के आदर्श जिले के रूप में स्थापित करें।

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