कोरोनावायरस से जंग : बाजार में 29 कंपनियों की ‘कोरोना कवच पॉलिसी’, जानिए क्या है इसमें खास…

नई दिल्ली। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने 29 साधारण एवं स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को कोविड-19 इलाज के लिई अल्पावधि कोरोना कवच स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पेश करने की अनुमति दे दी है। बीमा कंपनियों को यह अनुमति ऐसे समय मिली है जबकि देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इरडा ने साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों से 10 जुलाई तक कोरोना कवच स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पेश करने को कहा था। देश में कोविड-19 संक्रमित मामलों की संख्या करीब 8 लाख तक पहुंच गई है और संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है।
इरडा के दिशानिर्देश के अनुसार अल्पावधि के लिए पॉलिसी साढ़े तीन महीने, साढ़े 6 महीने और साढे 9 महीने के लिए हो सकती है। इसमें बीमा राशि 50,000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक (50,000 रुपए के गुणक में) है।इरडा ने जिन 29 साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को कोरोना कवच बीमा पॉलिसी लाने की अनुमति दी है उनमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियां मसलन ओरियंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, एचडीएफसी एर्गो, मैक्स बूपा, बजाज आलियांज, भारती एक्सा और टाटा एआईजी शामिल हैं।
नियामक के अनुसार प्रीमियम भुगतान एक बार करना होगा और पूरे देश में प्रीमियम राशि समान होगी।कोरोना कवच बीमा पॉलिसी पेश करते हुए बजाज आलियांज जनरल इंश्योंरेंस ने कहा कि इसमें मूल कवर का प्रीमियम 447 से 5,630 रुपए (जीएसटी शामिल नहीं) रहेगा। यह राशि व्यक्ति की उम्र, बीमित राशि और पॉलिसी की अवधि के हिसाब से अलग-अलग होगी।
पॉलिसीबाजार.कॉम के प्रमुख स्वास्थ्य बीमा अमित छाबड़ा ने कहा कि ज्यादातर प्रमुख स्वास्थ्य बीमा कंपनियों ने नियामक के निर्देशानुसार कोविड-19 से संबंधित पॉलिसी शुरू कर दी है।कोरोना कवच पॉलिसी की शुरूआत करते हुए एचडीएफसी एर्गो ने कहा कि नई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत सरकारी मान्यता प्राप्त जांच घर में जांच के बाद कोरोना संक्रमण का मामला पाया जाता है तो उसके इलाज में अस्पताल में भर्ती होने का चिकित्सा खर्च का वहन किया जाएगा।
कंपनी के अनुसार मरीज को अगर कोविड-19 के साथ अन्य बीमारी है तो वायरस संक्रमण के साथ उस पर होने वाले इलाज का खर्च भी इसके दायरे में आएगा। इसमें वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर रोड एम्बुलेंस का खर्च भी दायरे में आएगा।एचडीएफसी एर्गो के अनुसार पॉलिसी में घरों में 14 दिन के देखभाल का खर्च भी शामिल है। यह उन लोगों के लिये होगा जो अपने घर में ही इलाज को तरजीह देते हैं। इसके अलावा आयुर्वेद, होम्योपैथ समेत दूसरे इलाज के विकल्प में पॉलिसी के दायरे में आएंगे।
मैक्स बूपा के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णन रामचंद्रन ने कहा कि हमारा कोरोना पालिसी का प्रीमियम प्रतिस्पर्धी है। 31 से 55 साल के व्यक्ति के लिए 2.5 लाख रुपए की पॉलिसी का प्रीमियम 2,200 रुपए है। इसी उम्र के दो वयस्कों और दो बच्चों के लिए प्रीमियम 4,700 रुपए है।’

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