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Sunday, March 23, 2025
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बिहार में किसकी बनेगी सरकार

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 22 अक्टूबर ::
बिहार विधान सभा आम निर्वाचन,2020 के मतदान की तिथि जैसे- जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा वादों, विजन और घोषणा पत्र जारी किया जा रहा। एक दूसरे दलों पर आरोप- प्रत्यारोप लगाये जा रहे हैं।

आरोप-प्रत्यारोप के क्रम में बीजेपी अपने भाषण में लोजपा को NDA का हिस्सा नहीं है, बता रहे हैं, जबकि लोजपा अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना नेता कह रहे हैं। वहीं राजद और लोजपा अपना चुनाव जदयू के विरुद्ध लड़ रहा है, तो जदयू लोजपा को चुनावी दौर में पिछड़ा हुआ घोड़ा समझ कर उसे तरजीह नहीं दे रही है।

विधान सभा चुनाव में बहुत ही कम वोट पर, जीत-हार का निर्णायक फैसला होता है। ऐसी स्थिति में यदि छोटी-छोटी पार्टीयों में वोट बटने लगेगी तो चुनाव परिणाम किसी भी गठबंधन के पक्ष में निर्णायक नहीं हो पाएगी।

लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपना विजन डॉक्यूमेंट लॉन्चिंग किया है। विजन डॉक्यूमेंट का नाम बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट (Bihar First Bihari First) रखा है और इसे अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान को समर्पित किया है।

उन्होंने कहा है कि ये उनके पिता रामविलास पासवान के 51 साल के राजनीतिक अनुभव से तैयार किया गया है। चार लाख बिहारियों से बात कर बनाया गया है विजन डॉक्यूमेंट।

चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती भरे लहजे में कहा है कि मैं शेर का बच्चा हूं और जंगल को अकेले चीरने निकला हूँ। नीतीश कुमार विकास की बात करते हैं, दलित की हत्या पर नौकरी देने की बात करते हैं, जब किसी की हत्या हो ही जाएगी फिर नौकरी देकर क्या करेंगे। बिहार में कारखाने नहीं लगने के लिए हास्यास्पद बहाने बनाते हैं।

कांग्रेस ने भी जारी किया है अपना घोषणा पत्र। घोषणा पत्र में केंद्र सरकार की ओर से किसानों को लेकर किए गए कानून को रद्द करने के साथ बिहार में किसानों को बिजली – पानी मुफ्त में देने का वादा किया गया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 25 योजना का जिक्र किया है।

कांग्रेस के घोषणापत्र की मुख्य बातें निनांकित हैं :-

(1) किसानों का कर्ज माफ बिजली बिल हाफ बेटियों को इंसाफ।

(2) बेरोजगारों को 1500 रुपए का मासिक भत्ता, 18 महीने में 4:30 लाख खाली पड़े पदों पर नियुक्ति।

(3) KG से PG तक पढ़ने वाली बच्चियों को मुफ्त शिक्षा।

(4) सावित्रीबाई फुले शिक्षा योजना।

(5) राजीव गांधी रोजगार मित्र योजना।

(6) श्री कृष्ण सिंह खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना।

(7) ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन मुफ्त।

(8) सरदार वल्लभभाई पटेल पेयजल अधिकार योजना।

(9) डॉ राजेंद्र प्रसाद वृद्ध सम्मान योजना।

(10) कर्पूरी ठाकुर सुविधा केंद्र मजदूरों को सूचना देने के लिए केंद्र बनाई जाएगी।

(11) बिहार देवालय यात्रा योजना।

(12) भूमिहीनों को आवास।

(13) होनहार बेटियों को मुफ्त में स्कूटी।

(14) पशुओं के लिए मोबाइल पशु अस्पताल।

(15) बिहार के युवा खिलाड़ियों के लिए पदक लाओ पद पाओ योजना।

NDA ने भी जारी किया है रिपोर्ट कार्ड। जदयू के संजय झा ने कहा है कि नीतीश कुमार ने 2005 में माइनस से काम शुरू किया था।आज बिहार की क्या स्थिति है किसी से छुपी हुई नहीं है। इस राज्य में हमेशा से जाति के नाम पर वोट मांगा गया है, लेकिन नीतीश कुमार ने इसे बदला और अब विकास के मुद्दे पर वोट मांगी जा रही है।

NDA के बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि हमारी सोच के केंद्र में है- “विकास”, काम किये हैं और आगे भी करेंगे।एक ओर जनता के प्रति विकास की जिम्मेदारी का भाव और दूसरी ओर अपने परिवार के विकास के प्रति संकल्पित नेता है। एक ओर हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में किये गए काम की चर्चा कर रहे हैं। आज पटना से किसी भी जगह पर अधिकतम पांच घंटे में जा सकते हैं।

पहले चरण में बिहार के 71 विधान सभा क्षेत्रों में मतदान होने हैं। निर्वाचन आयोग ने मान्यता प्राप्त राजनीति पार्टियो को दूरदर्शन और आकाशवाणी से चुनाव प्रचार करने के लिए समय निर्धारित किया गया है। इस बार चुनाव अवधि में प्रचार करने के लिए निर्वाचन आयोग ने प्रचार की मूल अवधि को 45 मिनट से बढ़ाकर 90 मिनट कर दिया है।

निर्धारित समय पर प्रचार करने के लिए भारतीय तृणमूल कांग्रेस को 90 मिनट, बहुजन समाज पार्टी को 119 मिनट, भारतीय जनता पार्टी को 427 मिनट, सीपीआई को 109 मिनट, सीपीआईएम को 98 मिनट, कांग्रेस को 182 मिनट, एनसीपी को 97 मिनट, राष्ट्रीय जनता दल को 343 मिनट, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को 125 मिनट का समय निर्धारित किया गया है।

बिहार में विधान सभा चुनाव लड़ने वालों में NDA (भाजपा+जदयू+ लोजपा+हम+VIP), महागठबंधन (राजद+काँग्रेस+सीपीआई+CPI(M) + सीपीआई(ML)), बसपा+ रालोसपा ….. आदि पार्टियाँ अपना अपना भाग्य आजमा रही है। इन पार्टियों में NDA की लोजपा अपने ही घटक दल यथा- जदयू+हम+VIP
के विरोध में गठबंधन में रहते हुए चुनाव लड़ रही है।

लोजपा सुप्रीमो -सह- सांसद चिराग पासवान एक तरफ वे प्रधानमंत्री के गुणगान में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ जदयू व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सारे विकास कार्यों को ढकोसला बताकर विरोध जता रहे हैं। लोजपा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध कर रहे हैं और जदयू के खिलाफ उनके क्षेत्र में कैंडिडेट भी खड़ा कर रहे हैं। वहीं भाजपा के कई कद्दावर नेताओं को अपने दल में शामिल करा रहे हैं। बिहार विधान सभा चुनाव में जहां एनडीए में कलह है वहीं महागठबंधन के बीच वाकयुद्ध और राजनीतिक लड़ाई जारी है। अब बिहार की सत्ता पर काबिज होने की लड़ाई लड़ी जा रही है। लगता है कि सभी दल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।

लोजपा सुप्रीमो -सह- सांसद
चिराग पासवान की यह भूल है या सियासत। जदयू का विरोध या भाजपा का समर्थन। बिहार में लोजपा खुद को स्थापित करने की कोशिश तो कर रही है मगर समझ में नहीं आ रहा है कि लोजपा सुप्रीमो -सह- सांसद चिराग पासवान अगर भाजपा का गुणगान कर रहे हैं तो भाजपा और जदयू के क्षुब्ध नेताओं को चुनाव में खड़ा क्यू कर रहे हैं। भाजपा कहती है कि लोजपा अपने को NDA से स्वयं अलग कर लिया है।
लेकिन लोजपा ने लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुणगान कर रही है और लोजपा सुप्रीमो -सह- सांसद चिराग पासवान कह रहे हैं कि चुनाव के बाद हमारी पार्टी भाजपा को ही समर्थन करेगी।

प्रायः देखा जाता है कि बिहार में मतदान के अंतिम समय में जातिगत समीकरण उभर कर सामने आ जाती है। ऐसी स्थिति में सरकार बनाने की क्या स्थिति होगी यह तो समय ही बतायेगा।

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