अन्नदाताओं का साथ हैं पश्चिमी चम्पारण:ए.पी.पाठक

किसान आंदोलन ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है।देश के कई सेलिब्रिटीज भी अन्नदाताओं के इस विरोध का समर्थन कर रहे है।ऐसे में गरीबो और महिलाओ के लिए कार्य करने वाली बाबू धाम ट्रस्ट के संस्थापक और पूर्व नौकरशाह ने भी अन्नदाताओं को अपना समर्थन दिया है।बाबू धाम ट्रस्ट के कार्यक्रम में बोलते हुए श्री ए.पी.पाठक ने कहा सरकार को अन्नदाताओं की मांगों पर ध्यान देना चाहिए।ये देश कृषि प्रधान है और किसान इस देश की सबसे बड़ी पूंजी है।

आपको बता दें किसानों और मजदूरों के लिए बाबू धाम तरह तरह के आयोजन करती रही है।बाबू धाम ट्रस्ट और ए.पी.पाठक ने अपने स्तर पर किसानों की लड़ाई भी खूब लड़ी है फिर वो चाहे गन्ना किसानों के भुगतान की बात हो या यूरिया की समस्या के लिए अधिकारियों की क्लास लेनी हो।ए.पी.पाठक ने हमेशा किसानों का साथ दिया है।
ऐसे में जब हमारे पत्रकार ने उनसे पूछा कि बाबू धाम ट्रस्ट का क्या स्टैंड है?तो श्री पाठक ने कहा” देखिए,हमारा ये स्पष्ट मत रहा है कि इस देश मे खुशहाली तभी आएगी जब किसान खुशहाल होगा और किसानों के साथ हम हमेशा खड़े है।

इससे पहले किसानों को खालिस्तानी कहने वालों पर भी श्री पाठक बिफरे।उन्होंने कहा ये आंदोलन को बदनाम करने की एक चाल है।ये किसान ही हमारे लिए अन्न उगाते है और उनके बारे में इस तरह की भाषा बर्दास्त नही है।

चंपारन की बात करते हुए श्री पाठक ने कहा चम्पारण ने तो अंग्रेज़ो का विरोध भी इसीलिए किया था।तब गांधी जी भी चम्पारण के साथ थे।अंग्रेज़ भी किसान के खिलाफ थे ऐसे में सारा चम्पारण अंग्रेज़ो के खिलाफ हो गया था।एक बार फिर किसानों ने इन तीन बिलों के खिलाफ हुंकार भरी है और चम्पारण एक बार फिर किसानों के साथ है।किसानों के लिए और गांधी के लिए भी

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