टीके की किल्लत होगी दूर? जून में किस राज्य को मिलेंगी कितनी खुराकें, केंद्र सरकार ने जून माह के लिए राज्यों को टीके आवंटित किए
राकेश कुमार
मई 29, 2021
मई में देश के कई राज्यों की ओर से टीके की किल्लत की शिकायत के बाद अब केंद्र सरकार ने पहले ही जून माह के लिए राज्यों को टीके आवंटित कर दिए हैं। केंद्र ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि राज्यों को पहले ही यह पता हो कि उन्हें टीके का कितना कोटा मिलने वाला है। कोविन पोर्टल पर मौजूद 27 मई तक के आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र की ओर से राज्यों को टीके की 22 करोड़ खुराकें मुहैया कराई गई हैं, जिनमें से 20.1 करोड़ या 91.04 प्रतिशत का इस्तेमाल किया जा चुका है। इस आंकड़े में बर्बाद हुई खुराकें भी सम्मिलित हैं। भारत में 18 साल से ऊपर की आबादी को टीका देने के लिए टीके की 2.2 अरब खुराकों की जरूरत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, औसतन हर दिन देश में टीके की 20 लाख खुराकें दी जा रही हैं। अभी तक सबसे ज्यादा खुराकें 3 से 9 अप्रैल के बीच वाले हफ्ते में दी गई थीं, जब 2.4 करोड़ टीके लगे थे। हालांकि, 22 से 28 मई के बीच यह आंकड़ा घटकर 1.16 करोड़ पर आ गया।
साल के अंत तक सभी व्यस्कों को टीका दिए जाने के सुझावों के बावजूद अप्रैल की तुलना में मई माह में टीकाकरण 40 फीसदी घट गया।
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों को जून महीने के लिए 4 करोड़ खुराकें आवंटित की हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि उसे टीके की कितनी खुराके मिलेंगी।
आवंटित की गई टीके की खुराकों में वह भी शामिल हैं, जिन्हें राज्य सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक से जून माह में खरीदेंगे।
45 साल से ऊपर की आयु वर्ग वालों के लिए टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार उठा रही है। हालांकि, 18 से 44 साल की आयुवर्ग वालों के लिए राज्यों को खुद ही टीके खरीदने हैं।
हालांकि, जून माह में निजी अस्पताल वैक्सीन उत्पादकों से सीधे कितनी खुराके खरीद सकते हैं, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है।
बता दें कि देशभर में 1 मई से 18-44 साल के लोगों के लिए भी टीकाकरण शुरू किया गया था। हालांकि, झारखंड़, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक ने टीके की कमी का हवाला देकर इस आयुवर्ग के लिए देर से टीकाकरण शुरू किया। हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे कई अन्य राज्यों ने टीके की कमी का दावा करते हुए बीच में टीकाकरण रोका।