29 C
Patna
Sunday, March 23, 2025
spot_img

प्रकृति में संतुलन बनाये रखने के लिए वन क्षेत्रों के साथ-साथ सार्वजनिक भूमि पर फलदार पेड़ लगाने का अभियान चलाना होगा

प्रकृति में संतुलन बनाये रखने के लिए वन क्षेत्रों के साथ-साथ सार्वजनिक भूमि पर फलदार पेड़ लगाने का अभियान चलाना होगा

—— राजीव रंजन प्रसाद—-

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 29 मई ::

अपने-अपने परिवेश में तरह-तरह के जीव-जन्तु, पेड़-पौधे तथा अन्य सजीव-निर्जीव वस्तुएँ पाये जाते हैं, जिसका सीधा संबंध पर्यावरण और प्रकृति से होता है। उक्त बातें ग्लोवल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने पर्यावरण विषय पर चर्चा क्रम में कही।

उन्होंने कहा कि प्रकृति ने पर्यावरण के माध्यम से मानव को बहुत कुछ दिया है, लेकिन मानव अपनी स्वार्थ के लिए पर्यावरण के विनाश करने में लगे हुए है। वर्तमान परिप्रेछ में पर्यावरण पर दो तरह का दबाव उत्पन्न हो गया है, जिसके कारण प्रकृति में पर्यावरण का संतुलन डगमगा रहा है और पक्षियों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं। पक्षियों को अब मानव निर्मित कृत्रिम आवासों पर ही निर्भर होना पड़ रहा है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण एक ज्वलंत समस्या हो गई है। इसके निराकरण के लिये विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को हर संभव प्रयास करना होगा। ऐसे भी देखा जाय तो पर्यावरण की सुरक्षा हर लोगों की जिम्मेदारी है। प्रकृति में संतुलन बनाये रखने के लिए वन क्षेत्रों के साथ-साथ सार्वजनिक भूमि पर फलदार पेड़ लगाने का अभियान चलाना होगा ताकि मानव के साथ-साथ परिंदे- पक्षियों की भी अस्तित्व बच सके।

पर्यावरण के संबंध में जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने बताया कि पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों “परि” और “आवरण” से मिल कर बना है। “परि” का अर्थ है जो हमारे चारों ओर है और “आवरण” का अर्थ है जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है, अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ होता है चारों ओर से घेरे हुए।

उन्होंने बताया कि पर्यावरण में वायु, जल और भूमि पर, पौधे, जीव-जंतु, मानव और इनकी गतिविधियों का समावेश होता है। इसलिए पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण का ध्यान रखना हमारा परम दायित्व है। सभी लोगों को अपने-अपने स्तर से पर्यावरण बचाने पर, योगदान देना चाहिए, इसके लिए आसपास लगे पेड़ों को जीवित रखना होगा। उनकी देखभाल करनी होगी। जहां जरूरी हो वहां पौधे लगाने होंगे। आज पर्यावरण के लिए लोगों में जागरूकता लानी है। लोगों को पर्यावरण शिक्षा दिये जाने की जरूरत है, जिसमें बताया होगा कि प्राकृतिक पर्यावरण के तरीके और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण को बनाए रखने के लिए प्रकृतिक तंत्र को कैसे व्यवस्थित रखा जाय।

उन्होंने बताया कि ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के सौजन्य से गो ग्रीन अभियान के तहत पर्यावरण एवं प्रकृति की संतुलन बनाये रखने के लिए बच्चों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से एक पेटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 4 से 8 वर्ष, 8 से 15 वर्ष और 15 से ऊपर के सभी बच्चे भाग ले सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रतियोगितामें भाग लेने के लिए प्रविष्टि भेजने की अंतिम तिथि 31 मई, 2021 निर्धारित है।

एक बच्चे की एक ही प्रविष्टि मान्य होगी और हर वर्ग में तीन प्रविष्ठियों को पुरस्कृत किया जायेगा। चयनित और पुरस्कृत प्रविष्ठियों को ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस अपने गो ग्रीन मुहिम में प्रयोग करेगा। प्रतियोगिता में भाग लेने बाले सभी बच्चों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। ज्यूरी सदस्य फेसबुक लाइव पर पेटिंग प्रतियोगिता का परिणाम की घोषणा 05 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर किया जायेगा।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!