मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमले की कोई सबूत नहीं मिली
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना :: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को प्रचार कार्यक्रम के दौरान नंदीग्राम में एक हादसे में चोट लगी थी। इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की और राज्य के लिए दो पर्यवेक्षकों यथा स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर विवेक दुबे और स्पेशल ऑब्जर्वर अजय नायक की नियुक्ति की थी। इन्होंने घटनास्थल पर जाकर जांच की और रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी है।
सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में विशेष पर्यवेक्षकों ने हमले की सभी संभावनाओं को खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले का कोई सबूत नहीं मिला है। जिस समय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चोट लगी उस समय वह भारी पुलिस सुरक्षा में थी। जबकि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से चुनाव आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नंदीग्राम में 10 मार्च को ममता बनर्जी को कार के दरवाजे से चोट लगी। रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि कार का दरवाजा उनकी पैर पर कैसे लगा। चुनाव आयोग ने पाया है कि सरकार की रिपोर्ट में यह साफ नहीं किया गया है कि चोट कैसे लगी।
सूत्रों ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को प्रचार कार्यक्रम के दौरान नंदीग्राम में एक हादसे में पैर में चोट लगी थी, पैर में चोट लगने के बाद उन्होंने दावा किया था कि 4-5 लोगों ने उनपर हमला किया और जानबूझकर उन्हें घायल किया गया है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार की रिपोर्ट को अधूरी बताते हुए मुख्य सचिव से विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र देने को कहा है।
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने ममता बनर्जी की लगी चोट को नौटंकी बताते हुए कहा है कि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कई नेता चुनाव में सहानुभूति पाने के लिए बीजेपी पर झूठा आरोप लगा रहे हैं।
ध्यातव्य है कि पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधान सभा क्षत्र में आम चुनाव 27 मार्च, 01 अप्रैल, 06 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान की तिथि निर्धारित है।