25.7 C
Patna
Friday, March 28, 2025
spot_img

नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होगा महासम्मेलन

नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होगा महासम्मेलन

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (नई दिल्ली), 23 जुलाई ::

राजनीतिक दलों द्वारा राजनीति में कायस्थों की लगातार की जा रही उपेक्षा के विरोध में व्यापक स्तर पर आवाज बुलंद करने के लिए 19 दिसंबर को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विश्व कायस्थ महासम्मेलन (उम्मीदों का कारवां) कर देश में कायस्थ राजनीति की दशा और दिशा तय करेगी।

देश के लगभग सभी राजनीतिक दलों द्वारा राजनीति में कायस्थों की लगातार उपेक्षा की जा रही है, इसके विरोध में व्यापक स्तर पर महासम्मेलन में आवाज बुलंद की जाएगी ।

दुनियाँ भर में रहे कायस्थों के सामाजिक,राजनीतिक , शैक्षणिक, सांस्कृतिक प्रगति के लिए कार्य कर रहे ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) ने महासम्मेलन के माध्यम से अपनी ताकत दिखायेगी। इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियाँ अभी से ही शुरू कर दी है।

जेकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि इस महासम्मेलन में कायस्थ जाति से जुड़े सभी संगठनों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जायेगा, और सभी को एक मंच पर लाकर राजनीति में समाज की हो रही लगातार उपेक्षा के खिलाफ जोरदार ढंग से आवाज बुलंद करेगी।

उन्होंने यह भी बताया कि ग्लोबल राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन प्रसाद लगातार देश के विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे हैं और समाज के लोगों को अभियान चला एकजुट करने का काम कर रहे हैं। ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद के कुशल नेतृत्व में सक्रिय, सकारात्मक तथा रचनात्मक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के जरिए विश्व का अब तक का सबसे बड़ा कायस्थ संगठन बन चुका है और समाज के विभिन्न क्षेत्रों शिक्षा, समाज सेवा, राजनीति, कला-संस्कृति, मीडिया, चिकित्सा, सरकारी सेवा, खेल, रंगकर्म, अभियंत्रण, व्यवसाय, उद्योग में कार्य कर रहे लाखों लोग जुड़ चुके है।

उन्हाेंने बताया कि विश्व कायस्थ महासम्मेलन का मूल उद्देश्य सभी कायस्थ संगठनों, विद्वानों, प्रमुख हस्तियों और समाज के सभी लोगों को एकजुट कर एक मंच पर लाना है, ताकि राजनीति समेत सरकारी एवं निजी नौकरियों में भी कायस्थ जाति की हो रही उपेक्षा के विरोध में एकजुट होकर बड़े आंदोलन तथा अभियान चलाया जा सके।

जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि अब समय चुप बैठने का नहीं है ।समाज अपनी उपेक्षा तथा हकमारी के खिलाफ आवाज को जोरदार ढंग से नहीं उठाएगा तो इस समाज के अस्तित्व पर ही संकट पैदा हो जाएगा । उन्होंने कहा कि इस बार लड़ाई निर्णायक और महत्वपूर्ण होगी।
आवश्यकता है सभी लोग ‘किंतु – परन्तु’ को छोड़कर एकजुट हो।

उन्होंने यह भी बताया कि देश के विभिन्न राज्यों और गैर हिंदी भाषी राज्यों उड़ीसा, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, असम समेत नौर्थ इस्ट आदि में रह रहे मराठी, बंगाली, पंजाबी, तमिल, उड़िया, असमिया आदि कायस्थों की लाखों की तायदाद है। उन्हें विश्व कायस्थ महासम्मेलन के माध्यम से एक मंच पर लाया जा रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों के दौरे में मिल रहे व्यापक समर्थन से यह साबित हो गया है कि महासम्मेलन ऐतिहासिक ही नहीं बल्कि निर्णायक होगा ।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!