चंपारण के जनजाति, आदिवासी समुदाय का स्वास्थ्य व्यवस्था का विकास जरुरी…. एपी पाठक
बिहार के चंपारण के आदिवासी, जनजाति समुदाय को आज भी काफी संघर्ष करना पड़ता हैं।उनका स्वास्थ एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसपर काम करना नितांत आवश्यक हैं।85 प्रतिशत आदिवासियों, जनजातियों को दुर्गमता और गरीबी के कारण उचित ईलाज नहीं मिलता हैं।
इसमें अनुसंधान और ईलाज की व्यवस्था और तरीकों को समावेशी बनाना होगा।
सर्वप्रथम उन इलाकों में लोगों को जागरूक करना आवश्यक है।साथ ही अस्पतालों की संख्या बढ़ानी होगी।
एंबुलेंस और महिला चिकित्सकों की भी व्यवस्था नितांत आवश्यक हैं। आशा कर्मियों को भी हर दरवाजे तक जा उनकी समस्याओं को सुननी पड़ेगी।
गर्भवती महिलाओं को आयरन और पोषक तत्व सरकार के तरफ से पारदर्शी तरीकों से उनके बीच वितरित करना नितांत आवश्यक हैं।
गर्भ निरोधक दवाएं और माहवारी पैड आदिवासी महिलाओं के बीच निःशुल्क वितरित हो।
बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक और भूतपूर्व नौकरशाह एपी पाठक ने उक्त बातें मिडिया से बात करते हुए कहा।
उन्होंने अपने वक्तव्य में कहां कि बाबु धाम ट्रस्ट पिछले एक दशक से थरुहट में आदिवासी और जनजाति महिलाओं को विटामिन , आयरन और माहवारी पैड का निःशुल्क वितरण बाबु धाम ट्रस्ट के बैनर तले होते आया है।
परंतु सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं में और लाभ इन महिलाओं को देने की जरूरत है।
श्री पाठक ने बताया कि बाबु धाम ट्रस्ट के बैनर तले जनजाति और आदिवासी क्षेत्रों के स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान हेतु बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर वो अपनी बातों से उनको अवगत कराएंगे।