आपको डांट कर व्यक्ति को बाहर भगाना है कभी आम इंसान के रूप में तो तभी इंस्पेक्टर के रूप में तो कभी कर्नल के रूप में. यह आप हंसते हुए, रोते हुए, गुस्से में, प्यार से, तेज आवाज में, हल्के स्वर में डांट दिखाए. इससे आप भावनाएं, आवाज का उतार-चढ़ाव और हिचक निकाल पाएंगे. बच्चों को अभिनय के गुर सिखाने का यह तरीका नजर आया जिले में सांस्कृतिक एवं सामाजिक संगठन को बढ़ावा देने वाली संस्था प्रांगण रंग मंच द्वारा आयोजित नाट्य कार्यशाला के दूसरे दिन. जहां फिल्म मेकर प्रियांशु ठाकुर अभिनय का प्रशिक्षण दे रही हैं. संस्था द्वारा यह कार्यशाला प्रांगण रंगमंच कार्यालय में आयोजित हो रही है. कार्यशाला में प्रियांशु ठाकुर ने बच्चों को बताया कि वे जब अभिनय का अभ्यास कर रहे हों, तब जिस कैरेक्टर को निभाने का कहा जाए और जो सीन करना है उस वक्त जो भाव मन में आए उसे सहज रूप से व्यक्त करें. क्लास से घर जाते वक्त जो परिस्थिति या व्यक्ति आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करे उसे ध्यान से देखें और घर पर व दूसरे दिन क्लास में उसका अभिनय करें.
मंच पर प्रदर्शन करते समय दर्शकों की ओर पीठ न करें. पीठ तब ही दिखाई जाती है, जब सीन की मांग हो या बहुत गुस्सा दर्शाना हो. प्रकाश वाले स्थान पर रहें ताकि आपका पूरा चेहरा दिखे. आपकी आवाज इतनी तेज हो कि माइक तक पहुंचे, इसलिए आवाज की स्केल बढ़ाएं. जिस तरफ दर्शक बैठे हैं उस ओर के हाथ-पैर यदि आगे बढ़ाएंगे तो शरीर का दूसरा हिस्सा छुप जाएगा. मंच पर जाने से पहले मंच को नमस्कार करें. यह नमस्कार मंच का नहीं बल्कि उस मंच पर जिन बड़े कलाकारों ने अभिनय किया है, उनके लिए होता है. कार्यशाला के दूसरे दिन अध्यक्ष डॉक्टर संजय परमार, कार्यकारी अध्यक्ष विनोद कुमार केेसरी एवं कार्यक्रम पदाधिकारी संगीत शिक्षिका शशिप्रभा जयसवाल कार्यशाला में पहुंचकर बच्चों का हौसला मनोबल बढ़ाया. मौके पर संयुक्त सचिव आशीष कुमार सत्यार्थी, शिवानी अग्रवाल, मीडिया प्रभारी गरिमा उर्विशा, सोशल मीडिया प्रभारी बबलू कुमार, खेल प्रभारी अभिषेक सोनी, कार्यकारी सदस्य अक्षय कुमार सोनू, कुंदन कुमार, विक्की विनायक, कार्यक्रम प्रभारी दिलखुश कुमार, सुनीत साना, शशिभूषण कुमार, शिवांगी गुप्ता, नीरज कुमार निर्जल, अन्नू प्रिया, अंशु कुमारी, ब्रजेश, गौतम गंभीर, मनोहर कुमार, मुस्कान अग्रवाल, डेबिट कुमार, सोनम कुमारी, लिशा रानी, अंश राज, अशोक राज सहित अन्य लोग मौजूद थे.