धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ के लागू होने से उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति-जनजाति महिलाओं को न्याय मिलने में होगी सुविधा

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 25 नवम्बर :: ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ को मंगलवार को मंत्रिमंडल से मिली मंज़ूरी। इस अध्यादेश से उत्तर प्रदेश में ‘जबरन धर्मांतरण’ दंडनीय होगा। इस अध्यादेश में दंड स्वरुप एक साल से 10 साल तक जेल और 15 हज़ार से 50 हज़ार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। इस क़ानून में शादी के लिए धर्मांतरण को अमान्य क़रार दिया गया है। राज्यपाल की सहमति के बाद यह अध्यादेश लागू हो जाएगा।

इस कानून से उत्तर प्रदेश की महिलाओं, जिसमें खाश कर अनुसूचित जाति-जनजाति की महिलाओं को, छल से या जबरन धर्मांतरण कराए गए हैं, उन्हें न्याय दिलाने में मदद मिलेगी।

अध्यादेश के अनुसार ‘अवैध धर्मांतरण’ अगर सामूहिक होता है तो सज़ा में तीन से 10 साल की जेल होगी और इसमें शामिल संगठन पर 50 हज़ार रुपये का जुर्माना लगेगा। इसके साथ ही उस संगठन का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। अगर कोई शादी के लिए अपनी इच्छा से धर्म बदलना चाहता/चाहती है तो दो महीने पहले संबंधित जिले के जिलाधिकारी के पास नोटिस देना होगा। ऐसा नहीं करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा और छह से तीन साल की कैद हो सकती है।

इस कानून के तहत दो अलग-अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं, लेकिन अवैध रूप से धर्मांतरण कर शादी करने पर रोक लगेगी। इस कानून से लालच, दबाव, धमकी या झांसा देकर शादी की घटनाओं को रोका जा सकेगा।

इस कानून में निनांकित मुख्य बातें हैं :-

(1) धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा होगी।

(2) धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी को दो महीने पहले सूचना देनी होगी।

(3) अगर अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ अवैध रूप से धर्मांतरण होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल का प्रावधान किया गया है।

(4) अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के इच्छुक होने पर विहित प्रारुप पर जिलाधिकारी को 2 महीने पहले सूचना देनी होगी, इसका उल्लंघन किए जाने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा और जुर्माने की राशि 10 हजार रुपये से कम की नहीं होने का प्रावधान किया गया है।

लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यूपी के देवरिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कही थी। उन्होंने कहा था कि जैसा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कहा है कि महज शादी करने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अवैध होगा।

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