बिहार मंत्रिमंडल में हुए अब कुल 31 सदस्य
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना :: बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार 09 फरवरी (मंगलवार) को किया गया। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के 9 और जदयू के 8 विधयकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में अनुभवी विधायकों के साथ-साथ नए युवा चेहरों को भी मौका मिला है।
बिहार का बजट सत्र 19 फरवरी से शुरू हो रहा है और इससे पहले मंत्रिमंडल का विस्तार सरकार के लिए जरूरी था। मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा था कि उन्हें भाजपा की ओर से अभी तक कोई सूची नहीं मिली है, जैसे ही सूची मिलेगी मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा। इस बयान के कुछ ही घंटे बाद मंत्रिमंडल विस्तार की खबर की चर्चा शुरू हो गई थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच निम्न प्रकार से विभागों का बटवारा कर दिया है।
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री-
सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, निगरानी विभाग, निर्वाचन विभाग और ऐसे सभी विभाग जो किसी को आबंटित नहीं है।
तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री-
वित्त विभाग, वाणिज्य कर विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग।
रेणु देवी, उप मुख्यमंत्री-
आपदा प्रबंधन विभाग और पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग।
विजय कुमार चौधरी, मंत्री-
शिक्षा विभाग और संसदीय कार्य विभाग।
बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मंत्री- ऊर्जा विभाग और योजना एवं विकास विभाग।
अशोक चौधरी, मंत्री-
भवन निर्माण विभाग।
शीला कुमारी, मंत्री-
परिवहन विभाग।
संतोष कुमार सुमन, मंत्री-
लघु जल संसाधन विभाग और अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग।
मुकेश सहनी, मंत्री-
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग।
मंगल पांडेय, मंत्री-
स्वास्थ्य विभाग।
अमरेन्द्र प्रताप सिंह, मंत्री-
कृषि विभाग।
डॉ रामप्रीत पासवान, मंत्री-
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग।
जीवेश कुमार, मंत्री-
श्रम संसाधन विभाग और सूचना प्रावैधिकी विभाग।
राम सूरत कुमार, मंत्री-
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग।
सैयद शाहनवाज हुसैन, मंत्री-
उद्योग विभाग।
श्रवण कुमार, मंत्री-
ग्रामीण विकास विभाग।
मदन सहनी, मंत्री-
समाज कल्याण विभाग।
प्रमोद कुमार, मंत्री-
गन्ना उद्योग विभाग और विधि विभाग।
संजय कुमार झा, मंत्री-
जल संसाधन विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग।
लेसी सिंह, मंत्री-
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग।
सम्राट चौधरी, मंत्री-
पंचायती राज विभाग।
नीरज कुमार सिंह मंत्री-
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग।
सुबाष सिंह, मंत्री-
सहकारिता विभाग।
नितिन नवीन, मंत्री-
पथ निर्माण विभाग।
सुमित कुमार सिंह, मंत्री-
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग।
सुनील कुमार, मंत्री-
मद्य निषेध, उत्पादन एवं निबन्धन विभाग।
नारायण प्रसाद, मंत्री-
पर्यटन विभाग।
जयंत राज, मंत्री-
ग्रामीण कार्य विभाग।
आलोक रंजन झा, मंत्री-
कला संस्कृति एवं युवा विभाग।
मोहम्मद जमा खान, मंत्री- अल्पसंख्यक कल्याण विभाग।
जनक राम, मंत्री-
खान एवं भूतत्व विभाग आवंटित किया गया है।
नीतीश कैबिनेट में 09 फरवरी को नए 17 मंत्रियों को शामिल किया गया है। इस प्रकार बिहार मंत्रिमंडल में अब सदस्यों की कुल संख्या- 31 हो गई है।
भाजपा विधायक ज्ञानू सिंह ने कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा ने न जाति और न क्षेत्र और न छवि का ध्यान रखा है। इससे ऐसा लगता है कि भाजपा को स्वर्ण जाति का सिर्फ वोट चाहिए। सत्ता में हिस्सेदार बनाने में वैश्य को विशेष तरजीह दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगता है कि भाजपा में अनुभवी और वरिष्ठ होना ही गलत है। सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव, प्रेम कुमार सरीखे नेताओं की जगह क्या तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी से पार्टी को ताकत मिलेगी? नीतीश मिश्र को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं देकर आखिर पार्टी क्या संदेश देना चाहती है? मिथिलांचल के ब्राह्मणों में ललित बाबू और जगन्नाथ मिश्र की प्रतिष्ठा की अनदेखी का पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
जदयू ने नए मंत्रिमंडल में 4 राजपूत और दो मुस्लिमों को जगह दी है। ऐसे भी बिहार की राजनीति हो या फिर सरकार दोनों जातिगत समीकरणों के ईर्द ही घूमती है। इसकी झलक मंगलवार को बिहार में होने वाले मंत्रिमंडल में भी दिख रही है। भाजपा हो या जदयू दोनों ने मंत्रिमंडल में समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। मंगलवार की शपथ ग्रहण में दोनों दलों यानी भाजपा और जदयू ने अपने-अपने कोटे से एक-एक मुस्लिम चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी है। मंत्रिमंडल के नये सदस्यों में सैयद शाहनवाज हुसैन (मुस्लिम), सम्राट चौधरी (कुशवाहा), सुभाष सिंह (राजपूत), आलोक रंजन (ब्राम्हण), प्रमोद कुमार (वैश्य), जनक राम (महादलित), नारायण प्रसाद (वैश्य), नितिन नवीन (कायस्थ), नीरज कुमार सिंह (राजपूत), श्रवण कुमार (कुर्मी), लेसी सिंह (राजपूत), संजय झा (ब्राम्हण), जमा खान (मुस्लिम), सुमित कुमार सिंह (राजपूत), जयंत राज (कुशवाहा), सुनील कुमार (दलित), मदन सहनी (मलल्लाह) को शामिल किया गया हैं ।