32.6 C
Patna
Thursday, May 15, 2025
spot_img

तम्बाकू सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है

तम्बाकू सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 31 मई :: प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
ताकि लोगों को तम्बाकू निषेध के प्रति जागरूक किया जा सके।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तंबाकू सेवन से विश्व भर में प्रति वर्ष 80 लाख लोगों की मौत होती है।
वही देश में लगभग 13 लाख लोगों की मौत तंबाकू आदि के सेवन करने से होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी खुलासा किया है कि कोविड संक्रमित लोगों में सामान्य लोगों की तुलना में तम्बाकू उत्पादों के सेवन करने वाले लोगों में ज्यादा गंभीर संक्रमित होने की संभावना होती है।

तम्बाकू सर्वेक्षण गेट्स 2017 के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 25.9% लोग तंबाकू का सेवन करते है। तम्बाकू सेवन से श्वसन संबंधी रोग कई गुना बढ़ जाता है। तंबाकू सेवन करने वाले लोगों में पुरुषों में 50% एवं महिलाओं में 20% कैंसर होने संभावना: अधिक होती है। इससे 40% टीबी एवं मधुमेह, फेफड़ों की बीमारी, स्ट्रोक, अंधापन, नपुसंकता आदि रोग होने की भी आशंका रहती है। कोरोना संक्रमण के दौरान खैनी, पान या गुटखा जैसे चबाने, वाले तम्बाकू उत्पाद का सेवन कर, इधर-उधर थूकने से भी, कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता है।

भारत में संभवतः 15 साल से ऊपर 26.7 करोड़ लोग तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते हैं और प्रतिदिन तम्बाकू सेवन से लगभग 3500 मौतें होती है। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम में तम्बाकू सेवन छोड़ने से स्वास्थ्य में अप्रत्याशित सुधार होने और तम्बाकू छोड़ने के फायदों के विषय में जानकारी दी है।

तम्बाकू सेवन छोड़ने के 8 घंटे बाद ही शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा सामान्य हो जाती है। 24 घन्टे के अंदर हार्ट अटैक की संभावना कम जाती है। 72 घंटों में फेफड़े के फंक्शन में सुधार होने लगता है। 1 से 9 महीने के अंदर खाँसी एवं सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या में सुधार हो लगता है। एक वर्ष के अंदर ह्रदय रोग की संभावना तम्बाकू सेवन करने वालों की तुलना में आधी हो जाती है। 5 वर्षों में स्ट्रोक रिस्क में कमी आ जाती है। 15 वर्षों तक तम्बाकू सेवन छोड़ने से ह्रदय रोग होने की संभावना वैसे व्यक्ति की तरह हो जाती है जिसने कभी तम्बाकू सेवन नहीं किया हो।

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-2 के अनुसार, बिहार में 25.9% लोग किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद का सेवन करते हैं, जिसमें 20.8 प्रतिशत लोग स्मोकलेस (जैसे खैनी, गुटखा एवं पान मसाला) तम्बाकू का सेवन करते हैं। बिहार में 15 से 17 वर्ष की आयु के बीच 24% लोग तम्बाकू सेवन शुरू कर देते हैं।

देश में 28.6% लोग किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद का सेवन करते हैं, जिसमें 42.4% पुरुष एवं 14.2% महिलाएं तथा 12.2% लोग 15 साल की आयु से पूर्व के बच्चे तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने में शामिल हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!