32.6 C
Patna
Thursday, May 15, 2025
spot_img

सौ बार सच को झूठ बोलने पर झूठ दिखाई देता है – “सेंगोल” निष्पक्ष-न्यायपूर्ण शासन का प्रतीक है

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 15 जून ::

राजनीतिक गलियारे के लोग अक्सर झूठ बोलते हैं और भ्रामक दुष्प्रचार कर अपने विरोधियों को बदनाम करने की रणनीति अपनाते हैं। इसका जनक फासीवाद जर्मनी के हिटलर के प्रचार मंत्री गोबेल था। उसका मानना था कि एक झूठ को यदि 100 बार बोला जाय तो लोगों को झूठ सच दिखाई देने लगता है। इस तरह के झूठ तब और अधिक प्रभावी हो जाता है जब इसे आधिकारिक तौर पर प्रचारित और प्रसारित किया जाता है। आज इसके परिप्रेक्ष में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टी देश में ऐसा ही काम करता आ रहा है।

देश के केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक किया तो विपक्षी पार्टी सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत माँगने लगा और इसे झूठ साबित करने में लग गया।उसी तरह जब जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाया गया तो इसका भी विरोध करते हुए कहने लगे कि इसे हटाने से, वहाँ से आतंकवाद समाप्त नहीं हुआ है। कुछ विपक्षी पार्टी तो यहां तक कहने लगे हैं कि उनकी सरकार आयेगी तो पुनः धारा 370 लागू करेंगे। उसी प्रकार तीन तलाक का भी विरोध हुआ, राफेल खरीद का भी विरोध हुआ। विपक्षी पार्टियाँ देश के प्रधान मंत्री को चौंकीदार चोर कहते हुए इतना संबोधित किया है कि देश में विगत 9 वर्षों से स्पष्ट रूप से जर्मनी के हिटलर के प्रचार मंत्री गोबेल के कथन सत्य होता दिख रहा है। इस तरह का विरोध स्वच्छ विपक्ष का पहचान नहीं हो सकता है।

आज भारत में नए संसद भवन है, जिसमें “सेंगोल” को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैदिक विधि-विधान और अनुष्ठान करते हुए 28 मई 2023 को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास मंत्रोचार के साथ स्थापित किया है। जिस दिन “सेंगोल” स्थापित हुआ उस दिन हिन्दू महासभा के संस्थापक और हिंदुत्व का लेखक महाराष्ट्र की चित्तपावन ब्राह्मण विनायक दामोदर सावरकर का जन्म दिन (28 मई 1883) था। अर्थात लगता है कि 28 मई की तिथि हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की दिशा में भाजपा सरकार का बढ़ता हुआ कदम है। “सेंगोल” की लंबाई 5 फीट जिसके सिर पर शिवजी की सवारी नंदी जी की आकृति उकेरी गई है।

“सेंगोल” तमिल भाषा के शब्द “सेम्मई” से निकला हुआ शब्द है। इसका अर्थ होता है “धार्मिकता” यानि धर्म, सच्चाई और निष्ठा। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि “सेंगोल” की उत्पत्ति संस्कृत के “संकु” शब्द से हुई है और इसका अर्थ होता है “शंख” और यह निष्पक्ष – न्यायपूर्ण शासन का प्रतीक है। “सेंगोल” विशेष रूप से तमिलनाडु और अन्य दक्षिण राज्यों में न्यायसंगत और निष्पक्ष सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।

भारत के नए संसद भवन है में “सेंगोल” स्थापित है। संसद भवन में “सेंगोल” की उपस्थिति भारत की वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की एक कड़ी के रूप में काम करेगी। इस प्रकार “सेंगोल” की स्थापना एक सांकेतिक भाव और सार्थक संदेश है।

भारत के नए संसद भवन में जहां “सेंगोल” स्थापित किया गया है, उसके उद्घाटन में एनडीए की 394 सांसद वाली बीजेपी, 15 सांसद वाली शिव सेना (एकनाथ शिंदे गुट), 2 सांसद वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी, 1 सांसद वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी, 1 सांसद वाली सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, 5 सांसद वाली अन्नाद्रमुक, 1 सांसद वाली आजसू, 1 सांसद वाली आरपीआई (आठवले), 2 सांसद वाली मिजो नेशनल फ्रंट, 1 सांसद वाली तमिल मनीला कांग्रेस, 1 सांसद वाली पट्टाली मक्कन काची, 1 सांसद वाली असम गण परिषद, 2 सांसद वाली अपना दल, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, बोडो पीपुल्स पार्टी, आईटीएफटी (त्रिपुरा), आईएमकेएमके, जननायक जनता पार्टी, कुल 18 पार्टियाँ शामिल थी। इसके अतिरिक्त गैर एनडीए पार्टियाँ लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), बीजू जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी और वाईएसआरसीपी, कुल 5 पार्टियाँ यानि 23 पार्टियाँ शामिल थे और इसके बहिष्कार में कुल 20 पार्टियाँ शामिल थी।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!