प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार चुनाव की पहली रैली सासाराम में की

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 24 अक्टूबर :: भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार विधान सभा चुनाव के लिए सासाराम में पहली रैली की। उन्होंने
कहा कि भारत के सम्मान बा बिहार,
भारत के स्वाभिमान बा बिहार,भारत के संस्कार बा बिहार, संपूर्ण क्रांति के शंखनाद बा बिहार,आत्मनिर्भर भारत के परचम बा बिहार।

उन्होंने अपने करीबी मित्र, गरीबों- दलितों के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, आखिरी समय तक साथ रहने वाले रामविलास पासवान जी को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। बाबू रघुवंश प्रसाद सिंह जी ने भी गरीबों के उत्थान के लिए निरंतर काम किया। वो भी अब हमारे बीच नहीं हैं। मैं उन्हें भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने बिहार के बहुत से लोगों के साथ करीब से काम किया है। उनसे बहुत कुछ सीखा भी है। एक बात जो बिहार के लोगों में बहुत अच्छी होती है, वो है उनकी स्पष्टता। वो कन्फ्यूजन में नहीं रहते, किसी भ्रम में नहीं रहते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के नेता की तारीफ करके सबको चौंका दिया और RJD से नाराज मतदाताओं को भी NDA में लाने का मास्टर स्ट्रोक लगा दिया है। लेकिन अपने भाषण में उन्होंने लोजपा या चिराग पासवान के सम्बन्ध में या खिलाफ में कुछ भी नहीं कहा। ऐसे में लोजपा को लेकर बीजेपी के स्टैंड पर कन्फ्यूजन बरकरार ही रह गया।

उन्होंने कहा कि मंडी और MSP का तो बहाना है, असल में दलालों और बिचौलियों को बचाना है। याद कीजिए, लोकसभा चुनाव से पहले जब किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे देने का काम शुरु हुआ था, तब इन्होंने कैसे भ्रम फैलाया था। जब देश की रक्षा के लिए राफेल विमानों को खरीदा गया, तब भी ये बिचौलियों और दलालों की भाषा बोल रहे थे। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने का इंतजार देश बरसों से कर रहा था या नहीं। ये फैसला हमने लिया, एनडीए की सरकार ने लिया। लेकिन आज ये लोग इस फैसले को पलटने की बात कर रहे हैं। ये कह रहे हैं कि सत्ता में आए तो आर्टिकल-370 फिर लागू कर देंगे।

उन्होंने ने कहा कि आज बिहार कोरोना का मुकाबला करते हुए सारी सावधानियों के साथ लोकतंत्र का पर्व मना रहा है। जितने सर्वे हो रहे हैं, जितनी रिपोर्ट आ रही है, सभी में ये ही आ रहा है- बिहार में फिर एक बार, NDA सरकार बनने जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बिहार में पीढ़ी भले बदल गई हो लेकिन बिहार के नौजवानों को ये याद रखना है कि बिहार को इतनी मुश्किलों में डालने वाले कौन थे। जिन लोगों ने एक-एक सरकारी नौकरी को हमेशा लाखों- करोड़ों रुपए कमाने का जरिया माना। जिन लोगों ने सरकारी नियुक्तियों के लिए बिहार के नौजवानों से लाखों की रिश्वत खाई,
वो फिर बढ़ते हुए बिहार को ललचाई नजरों से देख रहे हैं। आज बिहार में पीढ़ी भले बदल गई हो, लेकिन बिहार के नौजवानों को ये याद रखना है कि बिहार को इतनी मुश्किलों में डालने वाले कौन थे।

उन्होंने ने कहा कि हालत ये थी कि कैमूर में जिस दुर्गावती सिंचाई परियोजना का शिलान्यास बाबू जगजीवन राम जी ने 70 के दशक में किया था, वो इतने वर्षों में भी पूरी नहीं हुई थी। इस काम को NDA सरकार ही पूरा कर रही है। कोरोना के इस समय में भी गरीबों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए NDA सरकार ने काम किया है। जहाँ कभी गरीब का राशन, राशन की दुकान में ही लुट जाता था, वहां कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त राशन मिला है। गरीब भूखा ना सोए, त्योहार ठीक से मना सके, दीवाली और छठ पूजा ठीक से मना सके, इसके लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की गई है। इसी कोरोना के दौरान करोड़ों गरीब बहनों के खाते में सीधी मदद भेजी गई। मुफ्त गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई। शहरों में जो रेहड़ी, ठेला, चलाने वाले साथी हैं, उनके लिए भी बैंकों से आसान ऋण सुनिश्चित कराया जा रहा है, ताकि वो अपना काम फिर शुरु कर सकें।

उन्होंने कहा कि अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ना इसी को कहते हैं। बिहार के लोग भूल नहीं सकते वो दिन जब सूरज ढलते का मतलब होता था, सब कुछ बंद हो जाना, ठप्प पड़ जाना। आज बिजली है, सड़के हैं, लाइटें हैं और सबसे बड़ी बात वो माहौल है जिसमें राज्य का सामान्य नागरिक बिना डरे रह सकता है, जी सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के गुस्से से, केंद्र की UPA सरकार ने 2014 तक यानि दस साल बिहार को नुकसान पहुंचाया। आज NDA के सभी दल मिलकर आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी बिहार के निर्माण में जुटे हैं। बिहार को अभी भी विकास के सफर में मीलों आगे जाना है। नई बुलंदी की तरफ उड़ान भरनी है। बिहार अब विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है, अब बिहार को कोई बीमारू, बेबस राज्य नहीं कह सकता। बिहार के लोगों ने मन बना लिया है, ठान लिया है कि जिनका इतिहास बिहार को बीमारू बनाने का है, उन्हें आसपास भी नहीं फटकने देंगे। दुनिया के बड़े-बड़े अमीर देशों की हालत किसी से छिपी नहीं है। अगर बिहार में तेजी से काम न हुआ होता तो ये महामारी न जाने कितने साथियों की, हमारे परिवारजनों की जान ले लेती, कितना बड़ा हाहाकार मचता, इसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता। लेकिन नीतीश का विकास विपक्ष को हजम नहीं हो रहा।

उन्होंने कहा कि मैं बिहार की भूमि से इन लोगों को एक बात स्पष्ट कहना चहता हूं- ये लोग जिसकी चाहे मदद ले लें, देश अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा। भारत अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा। बिहार के सपूत गलवान घाटी में तिरंगे के खातिर शहीद हो गए, लेकिन भारत मां का माथा नहीं झुकने दिया। पुलवामा हमले में भी बिहार के जवान शहीद हुए, मैं उनके चरणों मे शीश झुकाता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ।

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