पत्रकार अपनी और पत्नी की कोरोना चिकित्सा कराये बिना ही अस्पताल से वापस लौटे

पत्रकार अपनी और पत्नी की कोरोना चिकित्सा कराये बिना ही अस्पताल से वापस लौटे

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना ::

प्रधानमंत्री के दिशा निर्देश के आलोक में बिहार सरकार 11-14 अप्रैल तक टीकाकरण का विशेष अभियान चलायेगा की जानकारी 09 अप्रैल (शुक्रवार) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई थी। विशेष अभियान के पहले ही दिन 11 अप्रैल (रविवार) को सदर अस्पताल, अरवल ने सरकार की मंशा पर पानी फेर दिया है।

रफ्तार टाइम न्यूज के ब्यूरो चीफ ने अरबल से जानकारी दी कि कोरोना जांच के मामले में अरवल सदर अस्पताल की लापरवाही चरम सीमा पर है,
टीकाकरण तो दूर की बात है।

उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी को लेकर सच्चाई तब सामने आ गई जब एक पत्रकार के परिवार के साथ लापरवाही बरती गई। नगर परिषद क्षेत्र अरवल वार्ड नंबर 12 मोथा की रहने वाली महिला रिंकी कुमारी बुखार से पीड़ित रहने के कारण अपने घर में प्राथमिक उपचार से राहत न मिलने के बाद सदर अस्पताल अरवल में अपनी कोरोना आदि जाँच के लिए अपने पति मोहन कुमार के साथ पहुंची।

मोहन कुमार पत्रकार संगठन आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और वे भी बुखार से ग्रसित है। सदर अस्पताल, अरवल में ओपीडी वाह्य चिकित्सा पद्धति में इलाज से पहले कोरोना जांच की प्राथमिकता है, परन्तु लगभग आधे घंटे सदर अस्पताल, अरवल के हर कमरे एवं उपस्थित कर्मचारी सुरक्षा गार्ड से कोरोना जांच हेतु जानकारी प्राप्त करने हेतु करने के लिए पत्रकार मोहन कुमार एवं उनकी पत्नी रिंकी कुमारी भटकती रही।

अस्पताल में उपस्थित कर्मचारी, एक कमरे में उपस्थित एक अधिकारी और अस्पताल के सुरक्षा गार्ड द्वारा बताया गया कि रविवार को कोरोना जांच नहीं होता है।

राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के दिशा निर्देश के आलोक में 11-14 तक चलाई जा रही विशेष अभियान के बारे में जब जानकारी मांगी तो इस सम्बन्ध में जानकारी देने से कर्मचारी, अधिकारी और सुरक्षा गार्ड बचने का प्रयास करते हुए पत्रकार के कैमरे से बचते नजर आए।

बुखार से पीड़ित रिंकी कुमारी ने ओपीडी में पर्चा बनाकर मौजूद चिकित्सक से अपना जांच करवाया और उनके द्वारा दवा लेने की सलाह दी गई। साथ ही उनके द्वारा समय-समय पर कोरोना जांच की भी सलाह दी गई। लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा कोरोना से सम्बंधित कोई करवाई नहीं की गई, जिसके कारण विशेष अभियान को पहले ही दिन धत्ता दिखाकर बिहार सरकार की छबि को खराब किया गया है। ऐसी स्थिति में कोरोना जांच की सलाह और दवा लेकर पत्रकार पति-पत्नी को वापस लौटना पड़ा।

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