33 C
Patna
Thursday, May 22, 2025
spot_img

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 51 स्लम के बच्चियाँ और महिलाओं को सम्मानित किया मानव अधिकार रक्षक

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 51 स्लम के बच्चियाँ और महिलाओं को सम्मानित किया मानव अधिकार रक्षक

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 09 मार्च ::

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मानव अधिकार रक्षक ट्रस्ट ने 8 मार्च (मंगलवार) को पटना के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई एम ए) हॉल में 51 स्लम के बच्चियों और महिलाओं को सम्मानित किया है।

मानव अधिकार रक्षक के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संस्थान की संस्थापिका रीता सिन्हा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि में प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ.बिंदा सिंह, मेयर सीता साहू, इंस्पेक्टर आरती जायसवाल, वार्ड पार्षद अनीता सहाय, वार्ड पार्षद पिंकी यादव, वार्ड पार्षद अर्चना राय थी।

उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत एक आंदोलन के रूप में हुई थी। यह आंदोलन आज से करीब 113 वर्ष पहले 1908 में शुरु हुई थी। इसकी शुरूआत अमेरिका के न्यूयॉर्क में करीब 15 हजार महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों, बेहतर वेतन और मतदान के अधिकार की मांग की गई थी।

श्री अरविन्द कुमार ने बताया कि कार्यक्रम में कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश अध्यक्ष बिहार चेतन थिरनी द्वारा किया गया था।

उन्होंने बताया कि मानव अधिकार रक्षक की संस्थापिका रीता सिन्हा ने मंच से अवगत कराया कि मानव अधिकार रक्षक टीम में जितेन्द्र कुमार सिन्हा को बिहार प्रदेश के मीडिया प्रभार के अध्यक्ष और डा. आर.के. गुप्ता को बिहार प्रदेश के हेल्थ कमिटी के अध्यक्ष बनाया गया है और दोनों को मानव अधिकार रक्षक की ओर से प्रमाण पत्र एवं परिचय पत्र दी।

उक्त अवसर पर मंचाधीन लोगों ने कहा कि महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय बनाने का विचार क्लारा ज़ेटकिन नामक महिला की देन है। 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में क्लारा ज़ेटकिन ने इस विचार का सुझाव दिया था। वहां 17 देशों की 100 महिलाएं थीं और वह सब सर्वसम्मति से उसके सुझाव पर सहमत हुए। उसके बाद, पहली बार 1911 में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में महिला दिवस मनाया गया था। रूस ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को आधिकारिक अवकाश घोषित किया था।

उक्त अवसर पर शिक्षक इंदु उपाध्याय, रक्तदाता मीनू मोदी,
शिक्षक एवं चिकित्सक डॉ. माधुरी भट्ट, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.अनिता सहाय, प्रदर्शनी कामिनी कुमारी एवं टिकली काला, बिहार पुलिस के सब इंस्पेक्टर पूजा कुमारी, खुशबू कुमारी एवं प्रीति प्रियदर्शी, दंत चिकित्सक डॉ. प्रियंका, केवल सच के पत्रकार रीता कुमारी, गायिका अपर्णा कुमारी सहित
स्लम के बच्चियों को (जिन्होंने कला का प्रदर्शन किया था) उन्हें सर्टिफिकेट और मेडल देकर सम्मानित किया गया।

उक्त अवसर पर संस्थान की संस्थापिका रीता सिन्हा ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जब पुरुष युद्ध पर थे, तब महिलाएं भोजन की कमी से जूझ रही थी और सरकारें उनकी बात नहीं सुन रही थी।  ऐसी स्थिति में 8 मार्च 1917 को हजारों रूसी महिलाओं ने बदलाव की मांग करते हुए सड़कों पर उतरीं थी।

उक्त अवसर पर संस्था के पटना जिला अध्यक्ष विनीत कुमार सोनी, जिला सचिव रेनू कुमारी, जिला संयुक्त सचिव अनिल कुमार, बख्तियारपुर प्रवक्ता सूरज सिंह, पटना सदर प्रखंड महासचिव विकाश कुमार गुप्ता, सक्रिय सदस्य सूरज कुमार, अक्षय कुमार, निरंजन कुमार, बंटी कुमार, आदित्या कुमार, प्रवीण कुमार, सुरेश कुमार, उत्तम कुमार उपस्थित थे।

उक्त अवसर पर मानव अधिकार रक्षक की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संध्या 5 बजे से कदमकुआं में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार, प्रदेश अध्यक्ष बिहार चेतन थिरानी के नेतृत्व में प्रदेश के हेल्थ कमिटी के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश कुमार गुप्ता के सहयोग से हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों लोगों ने सलाह और मुफ्त दवा लेकर लाभान्वित हुए।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!