जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 15 अक्टूबर ::
देश के 11 वें राष्ट्रपति थे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम। रामेश्वरम् (तमिलनाडु) में इनका जन्म आज ही के दिन 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम था। आज की तारीख को राष्ट्रीय छात्र दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
एपीजे अब्दुल कलाम 19 वर्ष के उम्र में द्वितीय विश्वयुद्ध की विभीषिका को महसूस किया था। परिस्थितियों में आवश्यक वस्तुओं का अभाव होने के बाबजूद उन्होंने एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में जाने का फैसला किया था और इंजीनियरिंग में अध्ययन किया था। पहली बार 1962 में उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) पहुंचे थे। प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में उन्होंने भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एसएलवी-3) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल किया था।
उन्होंने स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया था, जिसके चलते देश को भारतीय तकनीक से बनाई गई स्वेदेशी मिसाइलें मिली थी सितंबर 1985 में त्रिशूल का परीक्षण, फरवरी 1988 में पृथ्वी और मई 1989 में अग्नि का परीक्षण करने के बाद 1998 में रूस के साथ मिलकर भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने पर काम शुरू किया था और ब्रह्मोस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गई थी। ब्रह्मोस धरती, आसमान और समुद्र कहीं से भी प्रक्षेपित किया जा सकता है। इस सफलता के बाद कलाम को मिसाइल मैन की ख्याति मिली थी। एपीजे अब्दुल कलाम को पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया।
एपीजे अब्दुल कलाम 18 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। 25 जुलाई 2002 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 25 जुलाई 2007 तक उनका कार्यकाल रहा था। उनका निधन 27 जुलाई 2015 को हो गया।