पटना। बिहार बार काउन्सिल भवन पटना में अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति की चतुर्थ राष्ट्रीय महाधिवेशन का आयोजन किया गया। आयोजन की अध्यक्षता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मनाथ प्रसाद यादव ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन बार काउन्सिल ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने ऑनलाईन किया। अधिवेशन के मुख्य अतिथि पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद ने विधायिका में क़ानूनी जानकारों की भागीदारी को आवश्यक बताया।
अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कहा कि भारत की न्यायपालिका की भाषा यथा शीघ्र हिन्दी की जानी चाहिए ! सभी स्तरों के न्यायालयों में हिन्दी में कार्य होने चाहिए! याचिका और वाद भी हिन्दी में लिखें जाएँ तथा बहस और निर्णय भी हिन्दी में हों ! जिन प्रांतों की मातृभाषा हिन्दी न हो, वहाँ के निचले स्तर के न्यायालयों में स्थानीय भाषा का प्रयोग उचित है। अंग्रेज़ी समाप्त होनी चाहिए !
उन्होंने कहा कि न्यायलयों में लाखों मामले लम्बित हैं ! विलम्ब से होने वाले न्याय और अन्याय में कोई बड़ा अंतर नही होता। अधिकांश मामले झूठे होते हैं! झूठा मुक़दमा करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती ! सरकारी तंत्र द्वारा किए गए अन्यायों, जिनके विरुद्ध याचिकाएँ दाखिल की जाती हैं, की अनदेखी एक बदा कारण है । दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई और उनके कारण सरकारी धन के हुए व्यय को उनसे ही वसूला जाना सुनिश्चत किया जाए, याचिकाओं की संख्या स्वतः बहुत कम ही जाएगी ।
डा सुलभ ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन और उसके पश्चात अनेक वर्षों तक भारतीय राजनीति में अधिवक्ताओं और साहित्यकारों की बड़ी भागीदारी होती रही थी। किंतु आज यह प्रबुद्ध-समाज राजनीति के हाशिए पर है। राजनैतिक पतन को रोकने के लिए आवश्यक है कि राजनीति में साहित्यिक और बौद्धिक हस्तक्षेप किया जाए ।
वही बिहार के भू राजस्व एवं विधि मंत्री राम सूरत राय ने अधिवेशन में ऑनलाईन शुभकामनाएँ देते हुए अधिवक्ताओं के इतिहास को गौरवान्वित बताया।
झारखण्ड बार काउन्सिल के वाईस चैयरमेन एवं अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय महामंत्री राजेश कुमार शुक्ल ने समिति की भावी योजनाओं एवं कार्यक्रमों को अधिवेशन में रखा।
इस अवसर पर योगेश चंद्र वर्मा, रामचरित्र प्रसाद, शिव कुमार यादव, प्रांतीयमंत्री रणविजय सिंह, नागेंद्र प्रसाद यादव, मीडिया प्रभारी राजीव रंजन , राजकुमार राजेश, विमल कुमार विमल, दीपक प्रसाद सिन्हा, डा मधुसूदन राय, शम्भू शरण शर्मा, शम्भू कुमार, इत्यादि लोगो ने अपना विचार व्यक्त किया।