कोविड प्रबंधन के लिए योग पर पाठ्यक्रम का हुआ शुभारंभ

कोविड प्रबंधन के लिए योग पर पाठ्यक्रम का हुआ शुभारंभ

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (मुंबई), 16 अगस्त ::

कोविड 19 महामारी ने एक अभूतपूर्व सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल को जन्म देते हुए एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है। दुनियाभर में रोजाना मरने वालों और संक्रमित होने वालों की संख्या में इजाफा होता रहा है। कई सामाजिक और आर्थिक कारकों के कारण संभावित विनाशकारी स्थितियों के कारण यह स्थिति बहुत अधिक गंभीर हो गई है। इस संक्रमण से निपटने के लिए प्रभावी प्रबंधन अभी भी विकसित हो रहा है और देखभाल के मानक के साथ पारंपरिक हस्तक्षेपों को एकीकृत करने का प्रयास किया जा रहा है। कोविड रोगियों सहित निवारक उपायों और पोस्ट कोविड प्रबंधन को बढ़ाने के लिए योग निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कोविड 19 की वर्तमान समझ इंगित करती है कि रोग की प्रगति से बचाव और बचाव के लिए अच्छी प्रतिरक्षा काफी महत्वपूर्ण है।

आर्युयोगा लाइफ इंस्टीच्यूट ने विशेष रूप से आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विकसित योग पर आधारित कोविड के लिए राष्ट्रीय नैदानिक ​​प्रबंधन प्रोटोकॉल के अनुसार कोविड प्रबंधन पाठ्यक्रम के लिए योग की शिक्षा जन-जन तक पहुंचाने की योजना बनाई है। यह ऑनलाइन कोर्स आर्युयोग टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर होस्ट किया जाएगा। पाठ्यक्रम की शुरुआत 18 अगस्त 2021 से होगी।

कोविड प्रबंधन के लिए योग, योग में एक परिचयात्मक पाठ्यक्रम है जो व्यक्ति को सामान्य चिकित्सीय योग प्रोटोकॉल और विशेष रूप से कोविड प्रबंधन के लिए तैयार की गई प्राचीन योग पद्धतियों पर विशेषज्ञता हासिल करने में सक्षम बनाता है।

आर्युयोग लाइफ इंस्टीट्यूट के शिक्षा प्रमुख शशि शारदा ने बताया कि आयुष मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के प्रबंधन के लिए योग पर आधारित राष्ट्रीय नैदानिक ​​प्रबंधन प्रोटोकॉल के अनुसार एक विशेष पाठ्यक्रम “कोविड प्रबंधन के लिए योग” शुरू करने जा रहें हैं। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में कोविड की प्राथमिक रोकथाम के लिए योग प्रोटोकॉल, पोस्ट कोविड देखभाल के लिए योग प्रोटोकॉल (कोविड रोगियों की देखभाल सहित) और होम क्वारंटाइन के लिए योग प्रोटोकॉल को भी शामिल किया गया है।

आर्युयोग लाइफ इंस्टीट्यूट के संस्थापक प्रीतम कुमार सिन्हा, ने बताया कि इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य श्वसन और हृदय दक्षता में सुधार करना, तनाव और चिंता को कम करना, प्रतिरक्षा को बढ़ाना, फेफड़ों की क्षमता में सुधार करना और म्यूको- सिलिअरी क्लीयरेंस में सुधार करना है।

शशि शारदा ने बताया कि पाठ्यक्रम 18 अगस्त 2021 से शुरू होकर 31 अगस्त 2021 तक चलेगा और सत्र का समय 6 से 7 बजे होगा।

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