बिहार में शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार के दावों की पोल केंद्र सरकार ने ही खोल दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिहार के 15 फीसदी लोग शराब पी रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज अपने मंत्रालय की नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे जारी की. इसी रिपोर्ट ने बिहार में शराबबंदी के हकीकत को उजागर कर दिया है.
रिपोर्ट से खुली नीतीश कुमार के दावों की कलई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज 5 वां राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण जारी किया, जिसमें देश के 22 राज्यों में जनसंख्या, स्वास्थ्य और पोषण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है. इसी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में आज भी 15 प्रतिशत लोग शराब का सेवन कर रहे हैं. बिहार के 48 फीसदी लोग खैनी से लेकर पान-गुटखे के रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं.
गांवों में ज्यादा छलक रहे हैं जाम
केंद्र सरकार के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में कहा गया है कि बिहार में शहर से लेकर गांव के लोग शराब पी रहे हैं. हालांकि गांवों में शराब पीने वालों की तादाद शहरी लोगों की तुलना में ज्यादा है. सर्वे में आय़ी ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि बड़े पैमाने पर नाबालिग भी शराब का सेवन कर रहे हैं.
केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 15 फीसदी से ज्यादा नाबालिग शराब पी रहे हैं. 15 साल की उम्र या उससे ज्यादा उम्र के शराब पीने वालों की संख्या शहरों में 14 प्रतिशत है. जबकि बिहार के ग्रामीण इलाके में 15 वर्ष से ऊपर के शराब पीने वालों की संख्या 15.8 प्रतिशत है. पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य में 15 फीसदी लोग कहां से शराब पी रहे हैं ये सरकार ही बेहतर बता पायेगी.
महिलायें भी पी रहीं हैं शराब
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में महिलाओं को लेकर भी चौंकाने वाली बात कही गयी है. रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की महिलायें भी शराब की शौकीन बनती जा रही हैं. बिहार के शहरी इलाके में 0.5 प्रतिशत महिलायें शराब पी रही हैं. वहीं ग्रामीण इलाकों में 0.4 प्रतिशत महिलायें जाम छलका रही हैं.
तंबाकू को लेकर भी हालात चिंताजनक
केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की 15 वर्ष से अधिक उम्र की कुल 5 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू का इस्तेमाल कर रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में शहर की 3.6 प्रतिशत और गांव की 5.3 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू का सेवन करती हैं. वहीं, पुरुषों की बात करें तो 15 साल से ज्यादा उम्र के 48.8 प्रतिशत लोग खैनी, पान-गुटखा, सिगरेट या दूसरे तरीके से तंबाकू का सेवन कर रहे हैं. शहरों से ज्यादा ग्रामीण इलाके में लोग तंबाकू का सेवन कर रहे हैं.