जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, (हेमजापुर,मुंगेर), 05 मई :: यज्ञ समिति (हेमजापुर,मुंगेर) द्वारा आयोजित नौ दिवसीय ,श्री श्री 108 श्री महाविष्णु यज्ञ वैदिक मंत्रोचारण के साथ शुभारंभ हुआ। महायज्ञ का उद्घाटन मुंगेर के जिलाधिकारी नवीन कुमार, एडीएम अरेन्द्र शाही, डीडीसी संजय कुमार ने, यज्ञ समिति के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों की उपस्थिति में पंचदीप प्रज्ज्वलित कर किया। यज्ञ समिति के अध्यक्ष नरेश प्रसाद सिंह एवं सचिव सचिव संजय कुमार ने संयुक्त रूप से समाज के सभी वर्ग के लोगों से अपील किया है कि आयें हम सब मिल कर समाज और…
Category: अध्यात्म
आस्तिकता के आयाम’ विषय पर हुआ गोष्ठी
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (खगौल), 29 अप्रैल :: सीता अवतरण दिवस सह भारतीय स्त्री दिवस पर खगौल “सीता तीर्थ न्यास” की ओर से आयोजित सीता संवाद के अवसर पर ‘आस्तिकता के आयाम; विषय पर आयोजित गोष्ठी में महामंडलेशवर महन्थ डॉ.शुकदेव महाराज ने अपने उद्घाटन संवोधन में कहा कि हमारे पूर्वजों,ऋषि मुनियों और महापुरुषों के अनुसार आस्तिकता का अर्थ एक विश्वास ,साधन, एक व्यक्ति के जीने की कला है \ साथ ही राष्ट्र को समृद्ध करने की एक सही व्यवस्था है, जहां पर हम अपने समस्त समाज, घर-परिवार के साथ ईमानदारी,…
भगवान चित्रगुप्त की प्रकोटत्सव मनाई गई
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 27 अप्रैल :: 27 अप्रैल को भगवान चित्रगुप्त महाराज का प्रकट उत्सव का दिन है और जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) की बिहार प्रदेश इकाई ने नागेश्वर कॉलोनी के रॉयल गार्डेन अपार्टमेंट स्थित केन्द्रीय कार्यालय में चित्रगुप्त भगवान की प्राकट्य उत्सव मनाया। उक्त जानकारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रबंध न्यासी रागनी रंजन ने करते हुए कहा कि भगवान चित्रगुप्त लेखनी के देवता हैं और इनकी पूजा अर्चना करने से व्यक्ति में साहस, शौर्य और ज्ञान…
माँ महागौरी की उपासना से असंभव कार्य भी संभव होते हैं
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 24 अक्टूबर :: माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। माँ महागौरी की उपासना से भक्तों के सभी पूर्व संचित पाप नष्ट हो जाते हैं। सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है। माँ महागौरी का वर्ण पूर्णतः गौर है। माँ महागौरी की चार भुजाएँ हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ…
राक्षस, भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करती है माँ कालरात्रि
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 22 अक्टूबर :: माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि हैं। नवरात्रि में सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का किया जाता है। इस दिन साधक का मन ‘सहस्रार’ चक्र में स्थित रहता है। माँ कालरात्रि को ही माँ काली, माँ महाकाली, माँ भद्रकाली, माँ भैरवी, माँ रुद्रानी, माँ चामुंडा, माँ चंडी और माँ दुर्गा के नाम से भी जाना जाता है।माँ कालरात्रि की पूजा से ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। मान्यता है कि माँ के इस रूप की पूजा से सभी राक्षस, भूत,…
दानवों और पापियों का नाश करती है माँ कात्यायनी
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 22 अक्टूबर :: नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा होती है। माँ कात्यायनी दानवों और पापियों का नाश करने वाली माँ हैं। माँ की उपासना संपूर्ण रोगों के नाश और भय मुक्त होने के लिए किया जाता है। महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उनके यहां पुत्री के रूप में माँ कात्यायनी उत्पन्न हुई थी और महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की थी, इसीलिए माँ कात्यायनी के नाम से प्रसिद्ध हुई। माँ कात्यायनी को संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, शाकुम्भरी,…
मोक्ष के द्वार खोलती है माँ स्कंदमाता
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 21 अक्टूबर :: नवरात्रि के पांचवे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा होती है। मान्यता है कि माँ स्कंदमाता भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति कर मोक्ष के द्वार खोलती है। माँ स्कंदमाता का स्वरुप मन को मोहने वाला है। स्कंद का अर्थ है कुमार कार्तिकेय अर्थात माता पार्वती और भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र कार्तिकय। माँ आपनी चार भुजाओं में से दो हाथों में कमल का फूल, एक हाथ में बालरूप में बैठे स्कंद जी ( पुत्र कार्तिकेय), दूसरे हाथ में तीर है और कमल के आसन…
माँ कुष्मांडा हीं अष्टभुजा देवी है
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 20 अक्टूबर :: नवरात्र-पूजन के चौथे दिन माँ कुष्माण्डा के स्वरूप की उपासना की जाती है। माँ कुष्मांडा की आठ भुजाएँ हैं और माँ अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं। माँ के हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। माँ के आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। माँ का वाहन सिंह है। माँ कुष्माण्डा के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-उपासना करने से साधक का ‘अनाहत’ चक्र अत्यंत पवित्र और अचंचल मन में स्थिरता…
धर्म रक्षक, असुर संहारक – शांतिदायक और कल्याणकारी है माँ चंद्रघंटा
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 19 अक्टूबर :: आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को (नवरात्रि के तीसरे दिन) माँ चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। माँ दुर्गा के इस रूप की विशेष मान्यता है, क्योंकि माँ इस रुप में धर्म की रक्षा और असुरों का संहार करने के लिए अवतरित हुई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार माँ चंद्रघंटा के स्वरूप को परम शांतिदायक और कल्याणकारी माना गया है। माँ चंद्रघंटा के दस हाथ है, जो शस्त्र-अस्त्र से विभूषित हैं और माँ की सवारी सिंह है। मस्तिष्क पर घंटे के…
माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 18 अक्टूबर :: माँ दुर्गा के द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी का आज उपासना होती है। ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। माँ ब्रह्मचारिणी का तात्पर्य तपश्चारिणी है। माँ ब्रह्मचारिणी देवर्षि नारद जी के कहने पर भगवान शंकर की कठोर तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने इन्हें मनोवांछित वरदान दिया था, जिसके फलस्वरूप भगवान भोले नाथ की वामिनी अर्थात पत्नी बनी। इस कठिन तपस्या के कारण इन्हें तपश्चारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया। इसलिए माँ के इस…