एपी पाठक के निवेदन के आलोक में हुआ मसान नदी का हवाई सर्वेक्षण

एपी पाठक के निवेदन के आलोक में हुआ मसान नदी का हवाई सर्वेक्षण ….

बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक और पूर्व नौकरशाह एपी पाठक के निवेदन से बिहार सरकार के वरीय पदाधिकारियों द्वारा मसान नदी का हवाई सर्वेक्षण करना चम्पारण के लोगों के लिए सुखद है।
जैसा कि पिछले दिनों लगभग आधा दर्जन ग्रामीणों के अनुरोध पर एपी पाठक ने सेरहवा , महुई , बहुवरी आदि गांवो में मसान नदी द्वारा होनेवाले कटाव का 22 जुन को निरीक्षण किया और सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में बिहार सरकार के सचिव स्तरीय अधिकारीयों से डैम अथवा नदी किनारे बांध बनवाने हेतु निवेदन किया था उसी सिलसिले में बिहार सरकार के पदाधिकारियों और जिला पदाधिकारी द्वारा मसान नदी का हवाई सर्वेक्षण करने से दर्जनों गांव के लोगों में खुशी का माहौल हैं।
आपको बताते चले की मसान नदी द्वारा हजारों एकड़ फसल बरबाद हो गई और मसान नदी के गर्त में हजारों एकड़ ज़मीन बर्बाद और बंजर हो गया।
दर्जनों गांव जैसे सेरहवा, बहुवरी, महुई, झरमहुई, इनारबारवा, मुड़ेरा ,जोगिया और तेलपूर आदि गांवों की स्थिति भयावह मसान नदी ने बना दिया हैं।
करोड़ों की संपति को बरबाद कर दिया है।सारी सड़के मसान नदी ने तोड़ दिया है ।लोगों का संपर्क अस्पतालों और प्रखंडों से टूट गया है।इसी सिलसिले में लोगों द्वारा एपी पाठक पर मसान नदी समस्या समाधान हेतु दबाव बनाया गया जिसके फलस्वरूप उन्होने पीड़ित लोगों के बीच उक्त स्थानों का पैदल दौरा किया और पटना में बैठे वरीय अधिकारियों से पहले दूरभाष पर फिर पटना अगले दिन जाकर उन पदाधिकारियों से उनके कार्यालय जाकर निवेदन किया जिसके परिपेक्ष्य में हवाई सर्वेक्षण हुआ।
पटना में अधिकारियों ने एपी पाठक को बताया कि चूंकि मसान नदी सरकार की प्रायोरिटी सूची में नहीं है इसलिए उसपर बांध नहीं बन रहा तो पाठक जी द्वारा उन अधिकारीयों से गंतव्य स्थल तक जाकर सर्वेक्षण करने का निवेदन किया गया।
आपको बताते चलें की बाबु धाम ट्रस्ट दशकों से गरीबों, पीड़ितों की सेवा करते आ रहा है। बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक व पूर्व नौकारशाह भारत सरकार एपी पाठक और अध्यक्षा मंजुबाला पाठक के निर्देश पर इस महामारी और साथ ही बाढ़ प्रभावितों के बीच ट्रस्ट द्वारा चिन्हित जगहों पर राशन, चूड़ा, दवा, पॉलीथिन और जरुरी सामान का निःशुल्क वितरण हो रहा हैं।
ट्रस्ट का शुरू से सकारात्मक और सामाजिक सेवा का सिद्धांत रहा है।
संस्थापक ने लोगों से खतरे के निशान से ऊपर वाली नदियों किनारे नहीं जाने और उच्च स्थानों पर शरण लेने की अपील किया साथ ही सामान्य परिस्थितियों वाले निवासियों को टिका लेने की अपील की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *