रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिकों के अनुसार बिना चिकित्सक की सलाह के 2-Doxy-D-Glucose का इस्तेमाल न करें
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना ::
भारत में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने नई दवा 2-Doxy-D-Glucose (डीजी 2) कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जीवनरक्षक के रूप में लॉन्च किया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के इस नए शोध से कोरोना के खिलाफ जंग में 2-Doxy-D-Glucose दवा भारत में ‘गेमचेंजर’ और ‘संजीवनी’ के रूप में जाना जा रहा है।
यह दवा कोरोना संक्रमित मरीजों को तेजी से ठीक होने और ऑक्सीजन की निर्भरता को कम करने में मदद करती है। देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच 2-Doxy-D-Glucose दवा कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की उम्मीदें जगाती है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की इनमास लैब के वैज्ञानिकों ने कोरोना की दवा 2डीजी’ (Corona drug ‘2DG’) डॉ रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर विकसित किया है। कोरोना संक्रमित मरीजों पर इसे इस्तेमाल करने के लिए डीसीजीआई ने भी मंजूरी दी है।
DRDO की प्रयोगशाला INMAS द्वारा दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज एक एंटी-कोविड -19 चिकित्सीय अनुप्रयोग विकसित किया गया है।
2-Doxy-D-Glucose दवा एक पाउच में पाउडर के रूप में आती है, जो पानी में घुलशील है। यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं में जमा हो जाता है और वायरल संश्लेषण और ऊर्जा उत्पादन को रोककर वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकता है।
इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमित मरीजों के अस्पताल में अधिक दिन विताने की संख्या में कमी आने की उम्मीद है। शोध के अनुसार 2-Doxy-D-Glucose दवा मरीजों को तेजी से ठीक होने में मदद करती है और कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन पहुंचाने पर निर्भरता कम करती है। क्योंकि यह दवा ग्लूकोज का सब्सट्रेट है।
कोरोना संक्रमित मरीजों में कोरोना वायरस अपनी ऊर्जा बनाने के लिए रोगी के शरीर से ग्लूकोज बहुत तेजी से ग्रहण करता है। 2-Doxy-D-Glucose दवा में ग्लूकोज भी रहता है और कोरोना वायरस, ग्लूकोज के धोखे में 2-Doxy-D-Glucose दवा का उपयोग करने लगता है। 2-Doxy-D-Glucose दवा कोरोना वायरस जब इस्तेमाल करने लगता है तब कोरोना वायरस को ऊर्जा मिलना बंद हो जात है और उनका वायरल संश्लेषण रुकने लगता है। इस तरह कोरोना का नया वायरस का बनना बंद हो जाता है और बाकी वायरस भी मरने लगता है।
2-Doxy-D-Glucose दवा पाउच में पाउडर के रूप में है, जिसे पानी में मिलाकर मुंह से रोगी को दिया जाता है। दवा डोज डॉक्टर, मरीज के उम्र, मेडिकल कंडीशन आदि की जाँच करने के बाद फिक्स करते है।
2-Doxy-D-Glucose के सम्बंध में डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने चेतावनी भी दी है कि कोरोना से बचने के नाम पर बिना चिकित्सक के परामर्श के 2-Doxy-D-Glucose का से इस्तेमाल न करें।