पटना डायोसिस में पद का हो रहा है दुरूपयोग और व्याप्त है कदाचार

पटना डायोसिस में पद का हो रहा है दुरूपयोग और व्याप्त है कदाचार

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 04 अक्टूबर ::

चर्च ऑफ नार्थ इंडिया पटना डायोसिस के बिशप पी पी मरांडी और उनकी पत्नी नाओमी लिली मुर्मू द्वारा की गयी फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा। सूत्रों के अनुसार मरांडी और उनकी पत्नी ने 2004 में डायोसेसन एजुकेशनल सोसाइटी का गठन गलत ढंग से तथ्यों को छुपा कर किया, जिसके बिशप मरांडी चेयरमैन और उनकी पत्नी सचिव हैं। बिशप मरांडी ने अपनी पत्नी के रिश्ते को छुपा कर सोसाइटी का पंजीकरण करवाया, जो बिहार सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन रूल्स द्वारा अवमान्य है।

सूत्रों ने बताया कि आर० टी० आई० से पता चला कि उन्होंने इस सोसाइटी के जांच पत्र में सदस्यों के बीच रिश्ते को छिपाया है, और 2004 के बाद सोसाइटी का कोई भी लेखा- जोखा पंजीकरण विभाग को नहीं दिया है, जबकि नियम (भाग 4 बिंदु 10) के तहत अनिवार्य है। प्रत्येक 3 वर्ष बाद सदस्यों में परिवर्तन की सूचना भी निबंधन विभाग को नहीं दी गयी।

बिशप पी पी मरांडी ने क्राइस्ट चर्च बांकीपुर, पटना की जमीन को अपनी ही पत्नी के नाम पर 01 दिसम्बर, 2004 को लीज कर दिया है, जो की केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार गैर कानूनी है। बिशप ने ना केवल गलत ढंग से लीज किया, बल्कि चर्च की जमीन पर सालाना डेढ़ लाख रूपए किराया भी तय किया, जबकि सरकार के तरफ से ये जमीन बिना किसी शुल्क के ईसाई समाज के उत्थान के लिए दी गयी है।

बिशप और उनकी पत्नी ने सोसाइटी द्वारा संचालित विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं के रुपयों को निजी स्वार्थ के लिए दुरूपयोग किया है। मरांडी जो इस सोसाइटी में चेयरमैन हैं और उनकी पत्नी जो सचिव हैं, उन्होंने सभी संस्थाओं में योग्यता, अनुभव और नियुक्ति के नियमों की अनदेखी करते हुए अपने ही रिश्तेदारों को नियुक्त किया है । पटना डायोसिस की स्थापना जिस उद्देश्य और सिद्धांतो के लिए हुयी थी, वो बिशप मरांडी और उनके परिजनों ने पूरी तरह धूमिल किया है, जिससे पूरा ईसाई समाज पूर्णतः आहत है।

कोरोना काल में भी इन्होंने अपने संस्था द्वारा कोई भी सामाजिक सेवा, गरीबों के सहायता के लिए काम नहीं किया। मरांडी और उनकी पत्नी ने पटना डायोसिस को अपना पॉकेट संस्था बना रखा है और ईसाई समाज तथा चर्च के सदस्यों के भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।

बिशप मरांडी के ऊपर प्रयागराज में एक स्कूल हड़पने और पैसो के गबन का भी केस दर्ज है। इसी सन्दर्भ में उनके नाम से प्रयागराज के शाहगंज थाना में गिरफ्तारी वारंट (केस संख्या -179/2017) भी जारी है। भागलपुर में भी इन्होने चर्च की जमीन को हड़प कर संस्थाओं के पैसो को लूट कर अपना एक आलीशान बँगला बनाया है जिसके विरुद्ध भागलपुर की ईसाई समाज ने केस दर्ज (टाइटल सूट संख्या – 360/2009) की है। मरांडी और उनके सहयोगियों ने विभिन्न स्थानों पर अपने नाम पर कीमती संपत्ति ख़रीदे हैं, जो स्पष्ट रूप से सार्वजनिक धन से खरीदे गए हैं। संपत्ति की खरीद उनके द्वारा ज्ञात और घोषित आय से काफी अधिक है।

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