डाॅ. रामनरेश सिंह करेंगे महात्मा गाँधी की हिन्द स्वराज पुस्तक का मैथिली अनुवाद
मधेपुरा : बीएन मंडल विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य सह पीजी सेंटर सहरसा में मैथिली के पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. रामनरेश सिंह राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की पुस्तक हिन्द स्वराज का मैथिली में अनुवाद करेंगे। भारत सरकार के साहित्य अकदमी नई दिल्ली ने डाॅ. सिंह की प्रतिभा क्षमता को देखते हुए विश्व स्तर पर लोकप्रिय पुस्तक हिन्द स्वराज के मैथिली अनुवाद के लिए अनुबंधित किया है। महात्मा गाँधी लिखित पुस्तक का मैथिली में अनुवाद होने से मिथिलांचल, कोशी, सीमांचल सहित मैथिली भाषी लोगों तक उनके विचारों का व्यापक प्रचार प्रसार होगा। सहरसा जिले के पतरघट प्रखंड अंतर्गत पस्तपार गांव में जन्मे डाॅ. रामनरेश सिंह का पैतृक घर मधेपुरा जिले के बिहारीगंज अंतर्गत मोहनपुर है।
इससे पहले उन्हें साहित्य अकादमी नई दिल्ली भारत सरकार ने प्रभाकरण वामण उर्द्वरेशे द्वारा लिखित मराठी संस्मरण इरवलेले दिवस का मैथिली अनुवाद के लिए अधिकृत किया था। डाॅ. सिंह ने चार सौ पेज की मोटी पुस्तक का मैथिली में अनुवाद कर अकादमी को समर्पित किया है जो प्रकाशनाधीन है। डाॅ. रामनरेश सिंह मैथिली, अंग्रेजी में एम.ए., पी-एच.डी., एलएलबी कर अपनी विपुल प्रतिभा के बल पर संपूर्ण देश के शिक्षा जगत में साहित्यिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त की है। साहित्य साधना ने इन्हें नयी ऊंचाई प्रदान की है। डाॅ. रामनरेश सिंह को 2000 ईसवी में यू.एन.ओ. के येनिसेफ द्वारा हिन्दी सेवा साहित्य सम्मान प्राप्त हुआ है। जिससे प्रभावित होकर भारत सरकार ने केंद्रीय राजभाषा परिषद, खान मंत्रालय के सलाहकार समिति में स्थान दिया। पुनः भारत सरकार ने मैथिली विद्वान के रुप में सम्मान देते हुए भारतीय भाषा संस्थान मानस गंगोत्री, मैसूर, कर्नाटक में मैथिली विशेषज्ञ के रुप में नामित किया।
डाॅ. रामनरेश सिंह वाणिज्य-अर्थ के क्षेत्र में गंभीर अध्येता माने जाते हैं। इसीलिए भारत सरकार ने इन्हें भारी उद्योग (आईएल) में स्वतंत्र निदेशक के रुप में नियुक्त किया है। वरिष्ठ पत्रकार सह प्रांगण रंगमंच के अध्यक्ष डाॅ.संजय कुमार “परमार” के बड़े भाई डाॅ.रामनरेश सिंह महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतीहारी के फर्स्ट कोर्ट के सदस्य के साथ ही बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुुुरा के सिंडिकेट के सदस्य मनोनीत किये गये हैं। पुनः भारत सरकार के साहित्य अकादमी ने अपने परामर्श मंडल में विद्वान के रुप में सदस्य मनोनीत किया है। डाॅ.सिंह कोसी और मिथिलांचल सहित बीएनएमयू मधेपुरा के गौरव हैं जिन्होंने अपनी कार्यक्षमता, प्रतिभा और चेतना के बल पर सैकड़ों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में शोध पत्र पढ़कर विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है।
हिन्दी और मैथिली में इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित है। इंटरमीडिएट से पोस्ट ग्रेजुएट तक की पाठ्यक्रम में इनकी पुस्तक पंजीकृत है। डाॅ. सिंह ने कहा कि नौजवानों में हिंसा, अपराध की जो प्रवृति बढ़ी है उन्हें इस पुस्तक का अध्ययन करने पर युवाओं में राष्ट्रीय धर्मिता का भाव जगेगा। विश्व विख्यात महात्मा गाँधी के विचारों का यह बहुमूल्य पुस्तक विश्वभर में विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। मैथिली भाषा साहित्य के क्षेत्र में यह पहला प्रयास है। नयी भारतीय शिक्षा नीति के अनुरुप भाषागत विकास में यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगा।