नई दिल्ली:(आनन्द चौधरी) केंद्रीय गृह मंत्रालय ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को पैरामिलिट्री फोर्स में ऑफिसर के तौर पर नियुक्त करने पर विचार कर रहा है। जल्दी ही ट्रांसजेंडरों की तैनाती केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय सिक्योरिटी फोर्स (CISF), इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) में हो सकती है..?
सेना में महिलाओं को पर्मानेंट कमीशन मिलने के बाद अब केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में जल्द ही ट्रांसजेंडरों की भर्ती के रास्ते खुलने वाले हैं। गृह मंत्रालय (MHA) ने ट्रांसजेंडरों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में भर्ती करने की इच्छा व्यक्त की है। अर्धसैनिक बलों को भेजे गए एक पत्र में, MHA ने अपने रैंक में ट्रांसजेंडरों की भर्ती के बारे में उनके विचार मांगे हैं और आवश्यक संशोधनों का विवरण मांगा है। एक महीने पहले भेजे गए एक पत्र में, MHA ने CRPF, BSF, SSB, CISF और ITBP के कार्मिक विभागों से इस विषय पर अपने विचार मांगे थे। सूत्रों ने बताया कि दो सप्ताह पहले BSF ने अपना जवाब भेजते हुए कहा कि वह इस तरह के कदम का स्वागत करते हैं।
सूत्रों के मुताबिक पिछले साल दिसंबर में ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) कानून नोटिफाई करने के बाद सरकार अब इस समुदाय को सभी सर्विस और क्षेत्रों में बराबरी का मौका देना चाहती है। गृह मंत्रालय ने इस मामले में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) से अपनी राय देने को कहा है।
अवर सचिव एस मुथु कुमार द्वारा हस्ताक्षर युक्त एक पत्र सहायक कमांडेंट ( प्रवेश स्तर) की भर्ती से संबंधित है। सूत्रों ने कहा कि ये भर्तियां सामान्य कैडर में की जाएंगी, जिसका मतलब है कि उन्हें युद्ध भूमिकाओं में भी काम करना होगा और सीमा पर कानून व्यवस्था और ड्यूटी के दौरान आदेशों का पालन करना होगा।
CAPF के एक वरिष्ठ कमांडर ने बताया कि ट्रांसजेंडर ऑफिसरों की तैनाती से आने वाली चुनौतियों और साथ ही उसके फायदों पर सुरक्षाबलों में चर्चा हुई है. उनके मुताबिक ये CAPF के लिए उसी तरह का नया अध्याय होगा जैसे कुछ साल पहले सुरक्षाबल में महिलाओं को ऑफिसर की तौर पर नियुक्त किया गया था. उनकी राय है कि समाज के सभी हिस्सों को साथ लेकर चलने में सुरक्षाबल एक नई मिसाल कायम कर सकते हैं। CAPF अधिकारी ने कहा, “यह सेना में महिलाओं को लड़ाकू भूमिकाओं में अनुमति देने के बाद एक बहुत ही प्रगतिशील कदम है। जब थर्ड जेंडर को समाज के सभी क्षेत्रों में सरकार द्वारा समान अधिकार दिए गए हैं और वे पहले से ही सरकारी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं, तो कोई कारण नहीं है कि उन्हें अर्धसैनिक बलों में समानता और सम्मान का दर्जा न मिले।”
सूत्रों के अनुसार इन भर्तियों में कितना समय लगेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि ब्यूरोक्रेसी में काम कितनी तेजी से आगे बढ़ता है। इसके लिए अलग से सभी सीएपीएफ के भर्ती नियमों में बदलाव की आवश्यकता होगी। इस मामले को MHA द्वारा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को उचित परामर्श और अनुमोदन के बाद रखा जाएगा। इसके बाद कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत होगी। एक अधिकारी ने कहा कि 2020 की भर्तियां सितंबर में शुरू हो सकती हैं।