पटना : कांग्रेस नेता ललन कुमार ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की बिहार में जिस तरह कोरोना महामारी की अनदेखी की जा रही है ऐसे में बिहार में लाखों लोगों की जान ख़तरे में है एक तरफ जहां एनडीए गठबंधन के सभी घटक दल चुनाव में अपना ध्यान केंद्रित कर बिहार की जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से हजारों लोग को कोरोनो वायरस के लक्षण होते हुए भी उनकी जांच नहीं हो पा रही है । ऐसे में जाने अनजाने लोग कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने को मजबूर हैं। श्री राणा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करते हुए कहा कि आपकी पहली जिम्मेबारी आम जनता की जान माल की सुरक्षा करना है क्योंकि आम जनता के बदौलत ही आप मुख्यमंत्री है अगर आपके शासन काल में जनता ही सुरक्षित नहीं रही तो आप किस पर शासन करेंगे समय सीमा के अन्दर चुनाव कराने की आपकी जिद कहीं बिहार के आम जनता पर भारी न पड़ जाय। ललन ने बिहार के सभी राजनीतिक दलों से आह्वान किया है की दलीय हित को छोडक़र बिहार के आम जनता के हित में कोरोना महामारी से पीडि़त लोगों की समुचित जांच और और उचित इलाज के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर दबाव बनाने की पहल करें ताकी बिहार के आम जनों की जान माल की सुरक्षा हो सके। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि राज्य में प्रति 10 लाख लोगों पर सिर्फ 2197 लोगों की ही जांच क्यों हो रही है।
ललन ने सोमवार को नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ अमिताभ कांत के ट्वीट के हवाले से बताया कि प्रति 10 लाख लोगों पर बिहार में जहां सिर्फ 2197 लोगों की जांच हो पाती है वहीं आंध्रप्रदेश में प्रति 10 लाख लोगों पर 18597, दिल्ली में 32863, तमिलनाडु में 16663, असम में 13471, राजस्थान में 12243, पंजाब में 11138, हरियाणा में 10639,कर्नाटक में 10443, महाराष्ट्र में 8857, केरल में 7155, ओडिशा में 6449, छत्तीसगढ़ में 6407, गुजरात मे 6298, पश्चिम बंगाल में 5452, मध्य प्रदेश में 5133, झारखंड में 4416, उत्तर प्रदेश में 3798 तथा तेलंगाना में 2637 लोगों की जांच हो रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ये आंकड़े बिहार सरकार की कोरोना संक्रमण की जांच संबंधी दावों की पोल खोलने वाला तथा सरकारी तैयारियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि यदि कोरोना जांच की संख्या बिहार सरकार ने बढ़ाई होती
सननी कुमार/पटना