तृतीय भारतीय न्यूरोरिहैबिलिटेशन कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑक्युपेशनल थेरेपी (INCOT-2025) संपन्न

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 22 सितम्बर ::

इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर, नई दिल्ली में चेतना फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित तृतीय भारतीय न्यूरोरिहैबिलिटेशन कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी (INCOT-2025) का सफल आयोजन 20 और 21 सितम्बर 2025 को किया गया। यह सम्मेलन देश-विदेश के विशेषज्ञों, प्रोफेशनल्स, शिक्षाविदों और छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बना, जिसमें न्यूरोरिहैबिलिटेशन और ऑक्यूपेशनल थेरेपी के क्षेत्र में ज्ञान और शोध को साझा किया गया।

इस वर्ष सम्मेलन की प्रमुख विशेषताएँ रहीं 18 वैज्ञानिक शोध-पत्र प्रस्तुतियाँ और 8 वैज्ञानिक पोस्टर प्रस्तुतियाँ। 9 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ वक्ताओं की उपस्थिति जिनमें डॉ. दीपक, डॉ. शुभा, डॉ. नूर, डॉ. गीता, डॉ. मुरली, डॉ. मंजूषा, डॉ. सुजाता, डॉ. स्मिता, डॉ. रुचि और डॉ. रॉबिन सम्मिलित रहे। 250 से अधिक प्रतिभागियों ने देश के विभिन्न हिस्सों से भाग लिया। छात्रों द्वारा व्यक्तिगत और समूह सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियाँ। देशभर के 8 प्रमुख ऑक्युपेशनल थेरेपी कॉलेजों के छात्रों की भागीदारी।

सम्मेलन में देश-विदेश के प्रतिष्ठित ऑक्युपेशनल थेरेपी विशेषज्ञों डॉ. एस. के. मीना, डॉ. आर.के. शर्मा, डॉ. अनुप, डॉ. राशिदा, डॉ. विजय, डॉ. रोशन और डॉ. सुनीता की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

इस आयोजन का नेतृत्व किया डॉ. संतोष कुमार, निदेशक चेतना फाउंडेशन, जिन्होंने भारत में न्यूरोरिहैबिलिटेशन और समावेशी स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने INCOT को एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक मंच बनाया है।

डॉ. प्रियदर्शी आलोक, आयोजन सचिव, जिन्होंने सम्मेलन के सफल संचालन हेतु योजनाबद्ध और सटीक समन्वय सुनिश्चित किया। डॉ. जोगिंदर, सह-आयोजन सचिव, जिन्होंने कार्यक्रम के संचालन और व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण सहयोग दिया। डॉ. प्रियंका विजय, वैज्ञानिक अध्यक्ष, जिन्होंने सम्मेलन के वैज्ञानिक कार्यक्रम का सफल संचालन किया और उच्च-स्तरीय शोध प्रस्तुतियों को सुनिश्चित किया।

दो दिवसीय इस सम्मेलन का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि भारत में न्यूरोरिहैबिलिटेशन सेवाओं को सशक्त करने और ऑक्यूपेशनल थेरेपी शिक्षा व क्लिनिकल प्रैक्टिस को और मजबूत बनाने की दिशा में सभी को मिलकर कार्य करना होगा । INCOT-2025 ने न केवल अकादमिक संवाद को बढ़ावा दिया, बल्कि सहयोग, नवाचार और समावेशन की भावना का भी उत्सव मनाया।

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