बजट में आम जनता को टैक्स में कोई राहत नहीं
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 01 फरवरी :: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 01फरवरी (सोमवार) को लोकसभा में वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए बजट पेश किया। कोरोना काल में पूरे देश को वित्त मंत्री से बड़े एलान की उम्मीद थी। वित्त मंत्री ने भी लोगों को निराश नहीं किया। कई सेक्टर में वित्त मंत्री ने खजाना खोल दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट ऐसे समय आ रहा है जब देश की जीडीपी दो बार माइनस में गई। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी के बारे में सोचा भी नहीं था, कोरोना से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है।
वित्त मंत्री के बजट भाषण के दौरान दो खबरें ऐसी होती हैं जो सीधे आम आदमी के जीवन पर असर डालती हैं। पहली आयकर स्लैब को लेकर वित्त एलान और दूसरा बजट से क्या सस्ता और क्या महंगा हुआ। इस बात से मोबाइल फोन और मोबाइल फोन के पार्ट, चार्जर, गाड़ियों के पार्ट्स, इलेक्ट्रानिक उपकरण, इम्पोर्टेड कपड़े, सोलर इन्वर्टर, सोलर से उपकरण, कॉटन महंगे हुए। वहीं, स्टील से बने सामान, सोना, चांदी, तांबे का सामान, चमड़े से बने सामान सस्ते हुए। बड़ी बात यह है कि बजट में आम जनता को टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। बजट में मौजूदा टैक्स सलैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 75 साल से अधिक उम्र के पेंशनधारकों को जिनकी आय का स्त्रोत सिर्फ पेंशन है, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न भरने से राहत दिया गया है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में बजट की मुख्य बातें यह है कि –
ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15 फीसदी करने का ऐलान किया गया जिससे यह भी महंगा हो जाएगा।
मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी 2.5 फीसदी लगेगा जिसके बाद मोबाइल और चार्जर महंगे होने की उम्मीद है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी महंगे हो जाएंगे।
कुछ सामानों पर एग्रीकल्चर इन्फ्रा सेस लगाया जाएगा जिसका लाभ किसानों को दिया जाएगा।
पेंशन से होने वाली कमाई पर अब टैक्स नहीं देना होगा।
टैक्स ऑडिट की लिमिट 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने का प्रस्ताव किया गया।
GST अब चार साल पुरानी हो गई है. जीएसटीएन सिस्टम की क्षमता भी बढ़ाई गई है।
इन्फ्रा सेक्टर में विदेशी निवेश पर 100 फीसदी छूट दी गई थी. पर कुछ शिकायतें आई थीं, इसे दूर किया जाएगा।
सभी के लिए घर, रियायती दर पर घर सरकार का टारगेट है. लोन के 1.5 लाख रुपए तक की राशि पर ब्याज पर छूट की स्कीम एक साल बढ़ाई गई।
निवेश आकर्षित करने के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाया गया, डिविडेंड टैक्स हटाया गया।
75 साल से अधिक उम्र वाले सीनियर सिटीजन को अब टैक्स में राहत दी गई है. अब 75 साल से अधिक उम्र वालों कों ITR नहीं भरना होगा. हालांकि, ये सिर्फ पेंशन लेने वालों को लाभ मिलेगा।
डिजिटल इंडिया के लिए 3700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. गोवा डायमंड जुबली सेलिब्रेशन मना रहा है. हम 300 करोड़ रुपए इसके लिए देंगे. 1000 करोड़ रुपए असम और पश्चिम बंगाल में टी वर्कर के लिए दिए जाएंगे।
5 फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार किया जाएगा। वहीं, तमिलनाडु में फिश लैंडिंग सेंटर का विकास किया जाएगा।
नैशनल एजुकेशन पॉलिसी को तहे दिल से स्वीकार किया गया है. 100 नए सैनिक स्कूल बनेंगे. इसके लिए प्राइवेट सेक्टर की मदद ली जाएगी।
भाषण में बताया गया कि अनुसूचित जाति के 4 करोड़ विद्यार्थियों के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया. इसी क्षेत्र में संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर स्किल ट्रेनिंग पर काम किया जा रहा है, जिससे लोगों को काम मिल सके।
स्टैंडअप इंडिया के लिए मार्जिन मनी की जरूरत 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी देने का प्रस्ताव किया।
बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गयी।
शहरी गैस वितरण नेटवर्क के जरिए सीएनजी और रसोई गैस वितरण की सुविधा 100 और जिलों में उपलब्ध कराई जाएगी।
मुफ्त रसोईं-गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की योजना उज्ज्वला के तहत एक करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा।
पिछले छह साल में बिजली क्षेत्र में कई सुधार किये गये, इस दौरान कुल क्षमता में 1,38,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता जोड़ी गयी।
वित्त मंत्री ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 2,000 करोड़ से अधिक की सात बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा की।
रेलवे को 2021-22 में रिकॉर्ड 1,10,055 करोड़ रुपये दिए गए, जिनमें से 1,07,100 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं।
भाषण में कहा गया कि ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के शत प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाएगा।
MSP बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है. सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए एक पोर्टल बनेगा. बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन वर्कर के लिए हेल्थ, हाउसिंग और फूड स्कीम शुरू होगी।
इसी साल स्वामित्व स्कीम शुरु किया गया. अब तक 1.8 लाख लोगों को कार्ड मिला है. 2021 में सभी राज्यों को इसके दायरे में लाया जाएगा।
धान खरीदारी पर 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए. इस बार यह बढ़कर 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है. इस साल ये आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
2013-14 में गेहूं पर सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपए खर्च किए. 2019 में हमने 63 हजार करोड़ रुपए की खरीदारी की जो बढ़ कर लगभग 75 हजार करोड़ रुपए हो गई है. 2020-21 में 43 लाख किसानों को इसका फायदा मिला।
जल जीवन मिशन (शहरी) की होगी शुरुआत।
तीन साल में सात टेक्सटाइल पार्क बनाये जायेंगे।
कोविड-19 टीकाकरण के लिए बजट में 35000 करोड़ का प्रावधान।
बजट में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना के लिए 64,180 करोड़ रुपये।
500 शहरों में अपशिष्ट प्रबंध के लिए अमृत शहर योजना के तहत 2.87 लाख करोड़ रुपये।
भाषण में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 9.5 फीसद पर रहने का अनुमान है. अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के 6.8 फीसद पर रहने का अनुमान है।
आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन, कंटेनर कॉर्पोरेशन, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड में वित्त वर्ष 2021-22 में रणनीतिक बिक्री का काम पूरा हो जाएगा। एलआईसी में आईपीओ के लिए कानून में संशोधन किया जाएगा। नीति आयोग से सेंट्रल पब्लिक सेक्टर कंपनीज में रणनीतिक विनिवेश के लिए लिस्ट तैयार करने को कहा गया है।
घाटे में चल रही सार्वजनिक कंपनियों को बंद करने के तंत्र को तेज किया जाएगा और राज्यों को सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज लाया जाएगा।
14.2 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर दर 698 रुपए, कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 190 रुपए की वृद्धि, कमर्शियल गैस के सिलेंडर की कीमत अब 1590 रुपए हो जायेगा।