पटना ब्लास्ट में सजा का ऐलान- 4 दोषियों को फांसी और 2 को उम्र कैद

बिहार ( Bihar News in Hindi ) की राजधानी पटना ब्लास्ट मामले में सजा का ऐलान हो गया है. एनआईए कोर्ट ने इस केस में 4 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. इस मामले में 9 आरोपियों को दोषी ठहराया गया था

बिहार की राजधानी पटना ब्लास्ट मामले में सजा का ऐलान हो गया है. एनआईए कोर्ट ने इस केस में 4 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. इस मामले में 9 आरोपियों को दोषी ठहराया गया था. आपको बता दें कि 27 अक्टूबर 2013 में पटना के गांधी मैदान में बड़ा ब्लास्ट हुआ था. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली चल रही थी. आरोपियों में से दो को दो-दो साल की सजा सुनाई गई है. जबकि 2 दोषियों को उम्र कैद की सजा का ऐलान किया गया है. हालांकि उस समय वह प्रधानमंत्री नहीं थे. एक आरोपी को सात साल की सजा सुनाइ गई है.

गौरतलब है कि 27 अक्टूबर, 2013 को सीरियल धमाकों की गूंज पटना ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार के कानों में आज तक गूंजती हैं. यह सिलसिलेवार धमाके उस समय हुए जब गांधी मैदान में भारतीय जनता पार्टी की हुंकार रैली होने वाली थी. इस रैली में शामिल होने के लिए वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के कई दिग्गज नेता आने वाले थे. लेकिन आतंकियों ने नरेंद्र मोदी के पटना पहुंचने से पहले ही एक के बाद एक धमाके शुरू कर दिए. लेकिन इस खौफनाक घटना के समय भी मैदान भीड़ से पूरा खचाखच भरा था. इस दौरान छह लोगों की जांच चली गई थी, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जानकारी के अनुसार गांधी मैदान में धमाकों से पहले पटना जंक्शन के शौचालय में भी धमाका हुआ था.

गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में—

  • इम्तियाज़ अंसारी
  • हैदर अली
  • मोजुबुलाह अंसारी
  • नोमान अंसारी  को फाँसी
  • उमेर सिद्दकी ,अजहरुद्दीन को आजीवन कारावास
  • अहमद हुसैन और फिरोज को दस वर्ष
  • और इफ़्तिख़ार आलम को सात वर्ष की सजा दी गई है

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण यानी एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायधीश गुरविंदर मल्होत्रा ने 2013 को इन बम धमाकों में इम्तेयाज अंसारी, मुजीबुल्लाह, हैदर अली, फिरोज असलम, नोमान अंसारी, इफ्तिखार, अहमद हुसैन, उमेर सिद्दिकी एवं अजहरुद्दीन दोषी करार दिया था जबकि साक्ष्य के अभाव में फखरुद्दीन को बरी घोषित किया था.  पटना की एक विशेष एनआईए अदालत ने सोमवार को उन नौ लोगों में से चार को मौत की सजा सुनाई, जिन्हें 2013 में गांधी मैदान में तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की ‘हुंकार रैली’ के दौरान बम विस्फोट करने का दोषी ठहराया गया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने 27 अक्टूबर को 10 में से नौ आरोपियों को दोषी करार दिया था. अन्य दोषियों में से दो को उम्रकैद की सजा, दो को 10 साल की कैद की सजा जबकि एक आरोप को 7 साल की कैद की सजा सुनाई गई है.

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