राकेश कुमार
कोविड फैसिलिटी में भर्ती होने के लिए पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय नीति में किया बड़ा बदलाव
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की राष्ट्रीय नीति में बड़ा बदलाव किया है. अब कोरोना संक्रमित मरीज को कोविड-19 फैसिलिटी या अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करने के लिए पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य नहीं होगी. संदिग्ध होने पर भी उन्हें भर्ती किया जा सकेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। कोरोना काल में अस्पताल में भर्ती होने में हो रही दिक्कतों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐलान किया है कि अब किसी भी कोविड हेल्थ सुविधा में भर्ती होने के लिए कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। मंत्रालय ने कोरोना मरीजों के भर्ती होने की राष्ट्रीय नीति में कुछ बदलाव किए हैं।मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि एक संदिग्ध मामला सीसीसी, डीसीएचसी या डीएचसी के संदिग्ध वार्ड में भर्ती किया जा सकता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्देश दिया है किसी भी स्थिति में मरीज को इलाज से वंचित नहीं रखा जाएगा, जिसमें ऑक्सीजन या जरूरी दवाएं भी शामिल हैं। किसी और शहर के अस्पताल में मरीज को ले जाने पर भी उन्हें भर्ती करने से मना नहीं किया जा सकता। यानी अगर मरीज के पास उस शहर के होने का कोई पहचान पत्र नहीं है तो भी उन्हें भर्ती होने से नहीं रोका जा सकता।यह निर्देश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को जारी किया गया है।मंत्रालय ने ये भी कहा है कि अस्पताल में बेड जरूरतमंद के हिसाब से दिए जाएं। जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है, उन्हें नियमों का पालन करते हुए छुट्टी दी जा सकती है।मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अस्पताल में प्रवेश जरूरत के आधार पर होना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिन व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती होने की कोई जरूरत नहीं है, उन्हें भर्ती न रखा जाए।यह आदेश केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी अस्पतालों के साथ ही सभी निजी अस्पतालों में भी लागू होंगे।