जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 23 अक्तूबर ::
देश में पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। लेकिन आज यही स्तंभ सबसे अधिक दबाव और खतरे में है। कई बार पत्रकारों को सच्चाई दिखाने की कीमत अपनी जान, करियर या सम्मान से चुकानी पड़ती है। इसी पृष्ठभूमि में “राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” की स्थापना एक ऐतिहासिक कदम है, जिसका उद्देश्य है पत्रकारों को एक प्लेटफॉर्म पर संगठित कर उनके अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा करना।
“राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष निशिकांत राय ने जानकारी दी है कि आयोग का केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली में स्थापित किया गया है। दिल्ली में राष्ट्रीय कमेटी का गठन भी किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश की कई प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल होंगी।
उन्होंने बताया कि आयोग का मूल उद्देश्य है देश के प्रत्येक पत्रकार को एक साझा मंच प्रदान करना। पत्रकारों पर हो रहे अत्याचार, उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करना। पत्रकारों के साथ-साथ उनके परिवार की भी सुरक्षा सुनिश्चित करना। सरकार से संवाद स्थापित कर पत्रकार हितों की रक्षा हेतु ठोस कदम उठाना।
आयोग का नारा “राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग आपके द्वार पर” यह दर्शाता है कि यह संगठन सिर्फ़ नाम या पदों तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के हर पत्रकार के घर, गाँव, शहर और प्रदेश तक पहुंचने का लक्ष्य रखता है। हर पत्रकार आयोग परिवार का एक हिस्सा होगा और आयोग द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन करना आवश्यक होगा। संगठन को मजबूत बनाने के लिए प्रत्येक सदस्य से अपील की गई है कि वे कम से कम पाँच नए पत्रकार साथियों को आयोग के बारे में जानकारी दें और उन्हें इस परिवार से जोड़ें।
दिनांक 11.10.2025 को नई दिल्ली स्थित महावीर इंक्लेव कार्यालय में वरिष्ठ पत्रकार सत्यनारायण भट्ट की अध्यक्षता में आयोग की राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं दिल्ली प्रदेश पदाधिकारी का गठन किया गया। नवनियुक्त पदाधिकारी इस प्रकार हैं निशिकांत राय, मुंगेर (बिहार) – राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संस्थापक, सत्यनारायण भट्ट, द्वारका (नई दिल्ली) – राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष, सुरेश कुमार शर्मा, जौनपुर (उत्तर प्रदेश) – राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, डॉ. प्रो. निशा सिंह, नई दिल्ली – राष्ट्रीय महासचिव, सुरदर्शन कुमार, मंगोलपुरी (नई दिल्ली) – राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, लव व्यास, सांताक्रूज़ (मुंबई) – राष्ट्रीय संगठन सचिव, एस.एस. चडेल, जयपुर – राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, बिपिन कुमार राय, सिलीगुड़ी – राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
और विनय कुमार तिवारी, बोकारो (झारखंड) – राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य।
आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष निशिकांत राय के निर्देशानुसार, 22 अक्टूबर 2025 को चार वरिष्ठ सलाहकारों को आयोग की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया। इनमें प्रशासनिक और शैक्षणिक क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियां सम्मिलित हैं- सेवानिवृत्त आईएएस श्री बिपिन कुमार सिंह (भूतपूर्व निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, बिहार सरकार), सेवानिवृत्त आईपीएस डॉ. चौरसिया चंद्रशेखर आजाद (भूतपूर्व डीआईजी, क्राइम ब्रांच, बिहार), सेवानिवृत्त आईएएस श्री सतीश कुमार शर्मा (पूर्व योजना विभाग, बिहार सरकार) और डॉ. प्रो. अमरेंद्र प्रसाद सिंह (विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, टी.एन.बी.यू., भागलपुर, बिहार)।
इन सलाहकारों की उपस्थिति से आयोग को न केवल प्रशासनिक दिशा मिलेगी, बल्कि नीति-निर्माण और पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़े प्रस्तावों को संस्थागत मजबूती भी प्राप्त होगी।
देश के अनेक हिस्सों में पत्रकारों को समाचार कवरेज के दौरान हिंसा, धमकी, राजनीतिक दबाव, और फर्जी मुकदमों का सामना करना पड़ता है। कई बार पत्रकारों की आवाज दबाने की कोशिश की जाती है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने यह संकल्प लिया है कि किसी भी पत्रकार पर अत्याचार या उत्पीड़न की स्थिति में आयोग कानूनी और सामाजिक स्तर पर उसकी रक्षा करेगा। पत्रकारों के परिवारों के लिए भी सहायता कार्यक्रम और बीमा जैसी योजनाओं पर कार्य किया जाएगा। आयोग पत्रकारों की गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सरकार से आवश्यक नीतिगत सुधारों की मांग करेगा।
“राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” मानता है कि जब तक पत्रकार एकजुट नहीं होंगे, तब तक उनकी आवाज को अनसुना किया जाएगा। इसलिए आयोग का प्रमुख संदेश है “अपनी कलम की ताकत को पहचानो, अपनी एकता को मज़बूत करो।” पत्रकारिता केवल खबरें लिखने का माध्यम नहीं है, बल्कि समाज को दिशा देने की शक्ति है। यदि यह कलम सशक्त और स्वतंत्र रहेगी, तभी लोकतंत्र सशक्त रहेगा।
भविष्य में आयोग का उद्देश्य है कि देशभर के हर राज्य और जिलों में इसकी इकाइयाँ सक्रिय रूप से कार्य करें। स्थानीय स्तर पर पत्रकारों की समस्याओं का समाधान। प्रशिक्षण शिविर और सेमिनार आयोजित कर पत्रकारों को नई तकनीकी और कानूनी जानकारी प्रदान करना। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पत्रकार अधिकारों की रक्षा के लिए मंच तैयार करना। “पत्रकार सहायता कोष” की स्थापना कर संकट की घड़ी में मदद प्रदान करना। “राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है पत्रकारों की सुरक्षा, सम्मान और एकता का आंदोलन।
संस्थापक निशिकांत राय और उनकी टीम का यह प्रयास पत्रकारिता जगत में एक नई ऊर्जा, नई दिशा और नई पहचान स्थापित करेगा। आने वाले समय में यह आयोग हर उस पत्रकार की ढाल बनेगा जो सच लिखने की हिम्मत रखता है।
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