धनबाद के लॉजिस्टिक्स एंट्रेप्रेन्योर बीरेंद्र कुमार सिंह से मिलिए, जो आत्मनिर्भर भारत का एक शानदार उदाहरण हैं।
इनोवेशन करने के लिए तैयार लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में विकास के नये अवसरों की उपलब्धता ने भारतीय ग्राहकों की सेवा करने के लिए माइक्रो साइज बिजनेस की भूमिका को प्रमुख बना दिया है। लोगों में तेजी से डिलिवरी प्राप्त करने की अपेक्षा होने के कारण, अमेज़ॅन जैसी कंपनियां अपने नेटवर्क के सभी हिस्सों को मजबूती प्रदान कर रही हैं, जिसमें उनके मिडिल-माइल ऑपरेशंस भी शामिल हैं, जो फुलफिलमेंट नेटवर्क को डिलिवरी नेटवर्क से जोड़ते हैं। इसने छोटे व्यवसायों के लिए अपनी जमीनी जानकारी का लाभ उठाने, और भारत को जोड़ने के लिए एक मध्यस्थ के रूप में सेवा प्रदान करते हुए, दो मील के बीच परिवहन की गति बढ़ाने के लिए कंपनी की क्षमता बढ़ाने के नये तरीके अपनाये हैं।
इस अवसर से लाभ उठाते हुए, कई एंट्रेप्रेन्योर्स अमेज़ॅन इंडिया के साथ अपना काम शुरू किया है और उसे बढ़ाया है; धनबाद के बीरेंद्र कुमार सिंह उनमें से एक हैं।
ज्योति सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक बीरेंद्र ने एक डाक सेवा कंपनी में डिलीवरी बॉय के रूप में अपना कॅरियर की शुरुआत की, जहां उन्हें एक एंट्रेप्रेन्योर बनने का विचार आया। उन्होंने अंततः लॉजिस्टिक कारोबार में कदम रखा और वाहन चलाते हुए एफएमसीजी कंपनियों की आवश्यकताओं को पूरा करना शुरू कर दिया। इसके कुछ समय बाद ही, उन्होंने 2019 में मिडिल-माइल ऑपरेशंस करने के लिए अमेज़न के साथ भागीदारी की।
एक एंट्रेप्रेन्योर बनने के उनके दृढ़ संकल्प के कारण उन्हें सफलता मिली, और उन्होंने अपने वाहनों के बेड़े में 8 से 56 वाहन शामिल कर लिये। वे कहते हैं कि “अमेज़न इंडिया के साथ काम करने के निर्णय ने ई-कॉमर्स क्षेत्र के बारे में नई अंतर्दृष्टि विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसने “कस्टमर-फर्स्ट” के दृष्टिकोण के बारे में मेरे नजरिये को फिर से परिभाषित करने में मदद की है। मैंने वास्तव में अपनी उद्यमशीलता की पहचान की है और इस प्रक्रिया में लोगों की मदद करने में सक्षम होना, मैं जितना सोच सकता था, उससे अधिक संतोषजनक रहा।”
बीरेंद्र और उनके एसोसिएट्स के प्रयासों से न केवल बाधारहित डिलिवरी सुनिश्चित हुई है, बल्कि इसके आधार को भी मजबूती मिली है, जिसने उन्हें आगे बढ़ने और आत्मनिर्भर बनने में सक्षम बनाया है।
अमेज़ॅन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज के डायरेक्टर, अभिनव सिंह ने बताया कि “ट्रकिंग पार्टनर्स हमारे ऑपरेशंस के आधार हैं, जो फुलफिलमेंट सेंटर्स और लास्ट माइल के बीच ट्रांसपोर्टेशन की गति बढ़ाने के लिए हमारी क्षमता में वृद्धि करते हैं। समय पर डिलिवरी सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है और हमवर्तमान अत्याधुनिक तकनीक के साथ उन्हें सक्षम करने के लिए तैयार हैं। देश भर के छोटे व्यवसायों को सहयोग प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप, हमने वित्तीय लचीलापन, सुरक्षित ड्राइविंग तकनीक, रूट की जानकारी, मेंटेनेंस और बड़े ओईएम से खरीद कार्यक्रमों को हासिल करने के लिए अपने पार्टनर्स और उनके लिए तैयार किये गये कस्टम बिल्ट प्रोग्राम के माध्यम से काम किया है। ड्राइवर सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, हमने इस साल हजारों ड्राइवरों को रक्षात्मक ड्राइविंग, कोविउ सुरक्षा और कार्यस्थल सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में प्रशिक्षित किया है। हमने ड्राइवरों के लिए स्वास्थ्य और आकस्मिक बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए तीसरे पक्ष की कंपनियों के साथ भागीदारी की है, जिसकी प्रतिपूर्ति अमेज़न द्वारा की जाती है। हम मानते हैं कि आत्मनिर्भर भारत का विचार इन उद्यमशीलता वाले व्यवसायों द्वारा मजबूती हासिल करता है और इन व्यवसायों को सशक्त बनाने पर हमें गर्व है।”
ये पार्टनर पूरे भारत में यात्रा करते हैं, इसलिए स्वास्थ्य और सुरक्षा को हमेशा ही एक प्राथमिकता के तौर पर लिया जाता है। पार्टनर्सऔर एसोसिएट्स सभी निवारक स्वास्थ्य उपायों का पालन कर रहे हैं जिनमें सोशल डिस्टैंसिंग मानदंड का पालन और फेस कवरिंग जैसे अन्य 100 उपाय शामिल हैं।
पिछले साल इन ट्रकिंग पार्टनर्स के लिए आपरेशंस में आने वाली रुकावटों के दौरान, कंपनी ने पार्टनर सपोर्ट फंड की शुरुआत की, जो मिडिल-माइल के बीच मौजूद पार्टनर्स को आर्थिक कठिनाइयों के दौरान अपने 40,000 से अधिक एसोसिएट्स की मदद करने तथा महत्वपूर्ण फिक्स्ड लागत और नकदी की दिक्कतों को दूर करने में सहायता प्रदान करता है। अमेज़न इंडिया ने वित्तीय संकट की स्थिति में परिवहन सहायता प्रदान करते हुए, सभी पात्र ट्रकिंग पार्टनर्स को ‘अमेज़ॅन रिलीफ फंड’ से भी सहायता प्रदान की।