जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 22 अक्तूबर ::
दीपों का पर्व दीपावली हर किसी के जीवन में उजाला लेकर आता है, लेकिन समाज का एक ऐसा तबका भी है, जो इस जगमगाहट से दूर अंधेरों में जीवन गुजारता है। ऐसे वंचित और गरीब बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने का कार्य एक बार फिर “खिलखिलाहट : मुस्कान की किरण” नामक सामाजिक संस्था ने किया है। संस्था द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पटना के गौड़िया मठ स्थित झुग्गी-झोपड़ी बस्ती में दीपावली के अवसर पर उपहार वितरण का आयोजन किया।
इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने बताया कि समाज के इन वंचित वर्गों तक खुशियों की रोशनी पहुंचाना ही संस्था का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि “दीपावली सिर्फ अमीरों की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की है जिसके दिल में आशा का दीप जलता है।” इसी सोच के साथ संस्था ने इस वर्ष भी बच्चों और बड़ों के बीच पटाखे, फुलझड़ी, मोमबत्तियां, लाई, फरही (ममरा), लड्डू, कपड़े और खिलौनों का वितरण किया।
प्रदीप कुमार ने आगे बताया कि यह कार्यक्रम संस्था के सदस्यों और समाजसेवियों के सहयोग से संभव हो पाया। इस अवसर पर संस्था की निर्देशिका शालिनी वर्मा, डॉ. वंदना मिश्रा, पटना जिला अध्यक्ष यतीश कुमार, अंजनी कुमार, चन्दन कुमार, अमेय आनंद और विधि सिन्हा की विशेष उपस्थिति रही। सभी सदस्यों ने मिलकर बच्चों के साथ दीप जलाए, मिठाइयां बांटीं और उनके साथ खेलकूद में हिस्सा लिया।
बच्चों के चेहरों पर जब मुस्कान फैली, तो वह दृश्य वाकई देखने लायक था। उनके खिलखिलाते चेहरे और चमकती आंखों में मानो दीपावली की असली रौशनी झलक रही थी। कार्यक्रम के दौरान छोटे-छोटे बच्चों ने मोमबत्तियां जलाकर और गीत गाकर माहौल को उत्सवमय बना दिया।
संस्था की निर्देशिका शालिनी वर्मा ने कहा कि “समाज में बदलाव की शुरुआत संवेदनशीलता से होती है। जब किसी जरूरतमंद के जीवन में खुशी का एक क्षण जोड़ते हैं, तो वही सच्ची पूजा होती है।” डॉ. वंदना मिश्रा ने भी बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर संस्था की आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
अंत में अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने सभी सहयोगियों का आभार जताते हुए कहा कि “आप सबके समर्थन से ही यह प्रयास सफल हुआ है। आने वाले वर्षों में हम और अधिक वंचित परिवारों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे ताकि दीपावली की रौशनी हर झोपड़ी तक पहुंच सके।”
“खिलखिलाहट : मुस्कान की किरण” संस्था ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सच्ची दीपावली वह नहीं जो केवल घरों में दीयों से जगमगाए, बल्कि वह है जो किसी जरूरतमंद के चेहरे पर मुस्कान का उजाला बिखेरे। यही मानवता का असली पर्व है, और यही इस संस्था का सच्चा संदेश।
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