कोरोना वायरस से अब तक भारत समेत पूरी दुनिया में लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके है। ऐसे में सबके मन में एक ही सवाल है कि कोरोना की वैक्सीन कब तक आ आएगी। आपको बता दें कि अमेरिका, रूस, आस्ट्रेलिया, चीन समेत कई देशों में इस समय कोविड-19 की वैक्सीन के लिए रिसर्च का काम जारी है। भारत में भी सीरम इंस्टीट्यूट, जाइडस कैडिला और भारत बायोटेक कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही हैं। वहीं, इसी बीच एक वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के लास्ट स्टेज में पहुंच गई है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत बायोटेक के को-वैक्सीन का आज तीसरा और आखिरी ह्यूमन ट्रायल शुरू किया जा रहा है। इसमें सफलता मिलने के कुछ समय बाद वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
ICMR और NIV के साथ मिलकर को-वैक्सिन की जा रही विकसित
बता दें कि भारत बायोटेक ने ICMR और NIV के साथ मिलकर को-वैक्सिन को विकसित किया है। वहीं, को-वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल के लिए पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि, दुनियाभर में कोरोना की वैक्सीन के लिए तेजी से क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं, लेकिन उनमें अभी तक ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन सबसे आगे मानी जा रही है।
इन वैक्सीन का भी क्लिनिकल फेज जारी
भारत में को-वैक्सीन के अलावा जायडस कैडिला कोविड-19 की वैक्सीन क्लिनिकल टेस्टिंग के दूसरे फेज में है। दरअसल, वैक्सीन के पहले फेज का क्लिनिकल ट्रायल सफल रहा था। वहीं, कंपनी के मुताबिक, पहले फेज के क्लिनिकल ट्रायल में वैक्सीन की खुराक दिए जाने पर लोग स्वस्थ पाए गए। इसके अलावा दूसरे दौर का क्लिनिकल ट्रायल देश के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 1000 लोगों पर ट्रायल किया जाएगा। जिसके बाद ये तय होगा कि इस वैक्सीन का लोगों पर कैसा प्रभाव है और कितने समय में वैक्सीन अपना असर दिखाती है।