जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (सासाराम), 09 मार्च ::
प्राचीन काल से देश में महिलाओं को श्रद्धा के साथ देखा जाता है। वैदिक काल की विदुषी महिलाएं घोषा, लोपामुद्रा से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई होलकर, सावित्रीबाई फुले, कल्पना चावला, लता मंगेशकर… ने अलग अलग क्षेत्रों में अपना लोहा मनवाया है कि महिलाएं कही भी किसी से कम नहीं है। इसी दिशा में मानव अधिकार रक्षक आगे बढ़ कर काम कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मानव अधिकार रक्षक सासाराम ने सासाराम के सागर क्षेत्र में लालागांज पर “नारी शक्ति सम्मेलन 2024” का आयोजन किया। कार्यक्रम में सासाराम की वैसी महिलाओं को सम्मानित किया जो किसी न किसी क्षेत्र में लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है। उक्त जानकारी मानव अधिकार रक्षक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में “मानव अधिकार रक्षक” रोहतास के सभी सदस्य शामिल थे। कार्यक्रम के संबोधन में उपस्थित सदस्यों का परिचय के साथ मानव अधिकार रक्षक की कार्यशैली, संगठन में महिलाओं की भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी गई। संबोधन में मानव अधिकार रक्षक के रोहतास जिला अध्यक्ष संतोष अग्रवाल की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए बताया गया कि रोहतास जिला में मानव अधिकार रक्षक के मिशन को जिस ऊंचाई तक पहुंचाया है वह अविस्मरणीय है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि कार्यक्रम में वृहस्पतिवार को सासाराम की लगभग 30 महिलाओं को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में मानव अधिकार रक्षक के सक्रिय सदस्य कमलेश, अरविन्द, सोनी खातून शामिल थे।
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