गया: बिहार (Bihar) के गया जिले का देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपना एक खास महत्व है. इस जिले में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से एक गया शहर (गया टाउन) विधानसभा सीट है. ये सीट लंबे समय से हाई प्रोफाइल सीट रही है और आज भी मानी जाती है. इस सीट से बीजेपी के कद्दावर नेता और वर्तमान में बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार विधायक हैं. डॉ प्रेम कुमार यहां पिछले 30 साल से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. साल 1990 से लेकर अब तक डॉ प्रेम कुमार लगातार 7 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और एक बार फिर बीजेपी की तरफ से चुनावी मैदान में हैं.
विधायक और सरकार के प्रति है नाराज़गी
गया शहर विधानसभा क्षेत्र में अपने विधायक के प्रति लोगों में थोड़ी नाराज़गी है. लोगों का कहना है कि विधायक चुनाव जीतने के बाद कभी मिलने नहीं आते. 5 साल बीत जाने के बाद वो फिर चुनाव के दौरान ही थोड़ा बहुत नज़र आ जाते हैं. विधायक पर लोगों का आरोप है कि वो सिर्फ अधिकारियों के भरोसे विकास योजनाओं को छोड़ देते हैं. क्षेत्र के लोग मानते हैं कि विधायक को खुद मोहल्ले-मोहल्ले जाकर देखना चाहिए कि वहां क्या हाल है. अधिकारी काम में लापरवाही बरतते हैं और विधायक इसकी खोज खबर नहीं लेते.
लोगों को विकल्प की तलाश!
जहां तक सवाल प्रदेश की एनडीए सरकार का है तो गया शहर की जनता इसे लेकर भी बहुत उत्साहित नहीं है. सरकार को तीन कार्यकाल देने के बाद जनता अब हिसाब मांग रही है. ऐसे लगभग एक दर्जन से भी ज़्यादा मुद्दे हैं, जिनको लेकर जनता बेहतर विकल्प भी तलाश रही है.
क्षेत्र में चुनावी मुद्दों की भरमार
गया शहर विधानसभा क्षेत्र की जनता के मन में कई अहम मुद्दे हैं, जिनको लेकर जनता वोट कर सकती है. मसलन, शराबबंदी के बावजूद शराब की बिक्री होना, शहर में गंदगी होना, जाम की समस्या, विधायक का गायब रहना, अधिकारियों की लापरवाही, बेरोज़गारी जैसे कुछ अहम मुद्दे इस चुनाव में प्रभावी होंगे.
व्यक्तिगत छवि और जातिगत समीकरण विधायक के पक्ष में
गया शहर के विधायक डॉ प्रेम कुमार के पक्ष में भी कुछ बातें जाती हैं. एक तो उनकी व्यक्तिगत छवि है, जिसे लेकर लोगों को किसी भी तरह की शिकायत नहीं है. लोगों का ये कहना है कि विधायक बेहद सरल स्वभाव के हैं. वो ज़मीन से जुड़े हैं और कभी भी सत्ता में होने का या ‘माननीय’ होने का दिखावा नहीं करते. इसके अलावा गया शहर विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण भी विधायक के पक्ष में जाता है. ये कुछ ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से डॉ प्रेम कुमार यहां पिछले सात बार से अजेय विधायक हैं और सभी समीकरणों को देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्हें टक्कर देना किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं है.