पर्यावरण संरक्षण फोरम” पटना शहर जिला समिति अध्यक्ष बनी सुश्री रानी कुमारी

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (बिहार), 07 जून, 2025 ::

पटना के शिवाजीनगर, पाटलीपुत्रा स्थित “राम जानकी प्रगति सेवा संस्थान” के कार्यालय में एक भावपूर्ण एवं प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान की दो प्रमुख इकाइयाँ “चंड़ी वाहिनी” एवं “पर्यावरण संरक्षण फोरम” की पटना जिला समिति की ओर से पटना शहर जिला समिति की अध्यक्ष पद पर सुश्री रानी कुमारी का मनोनयन किया गया। संस्थान की संस्थापिका-सह-सचिव और “पर्यावरण संरक्षण फोरम” की राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्पणा बाला ने उन्हें मनोनयन पत्र सौंपा। चुनरी ओढ़ाकर, शंखध्वनि और पुष्प वर्षा के बीच रानी कुमारी को शुभकामनाएं दी गईं। यह क्षण सभी उपस्थितजनों के लिए प्रेरणा और उत्साह से भरा रहा।

मनोनयन समारोह के उपरांत, गंगा दशहरा के पावन अवसर पर महिलाओं का एक सशक्त जत्था “राम जानकी प्रगति सेवा संस्थान” के नेतृत्व में जुलूस के रूप में गंगा तट की ओर रवाना हुआ। सभी महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर मंगल गीत गाती हुईं गंगा किनारे पहुँचीं और वहां भव्य गंगा आरती का आयोजन किया गया। आरती के दौरान गूंजते शंख, मंत्रोच्चारण और महिलाओं की भक्ति-भावना ने वातावरण को दिव्यता से भर दिया। यह आयोजन केवल आस्था का नहीं, बल्कि संस्कृति, पर्यावरण और समाज सेवा का अद्भुत संगम था।

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर गंगा तट पर पौधारोपण कर हरियाली का संदेश दिया गया। उपस्थित सभी महिलाओं ने क्रमबद्ध रूप से पौधा रोपे और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। विभिन्न प्रकार के छायादार और औषधीय पौधों को रोपित किया गया, जो आने वाले समय में गंगा तट को और हराभरा बनायेगा।

आयोजन में मुख्य रूप से अर्पणा बाला, संस्थापिका-सह-सचिव, राम जानकी प्रगति सेवा संस्थान एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, पर्यावरण संरक्षण फोरम, मंजू देवी, अध्यक्ष, पर्यावरण संरक्षण फोरम, पटना जिला समिति, रानी कुमारी, नवमनोनीत अध्यक्ष, पटना शहर जिला समिति और ललिता देवी, अध्यक्ष, चंड़ी वाहिनी, पटना जिला समिति शामिल थी। इन सभी के नेतृत्व और प्रेरणा से दर्जनों महिलाओं ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लिया।

गंगा तट पर आयोजित कार्यक्रम एक आध्यात्मिक, सामाजिक और पर्यावरणीय मिशन की तरह था, जिसने यह संदेश दिया कि महिलाएं न केवल संस्कृति की वाहक हैं, बल्कि प्रकृति की रक्षक और समाज की सजग प्रहरी भी हैं। “राम जानकी प्रगति सेवा संस्थान” का यह प्रयास भविष्य में हरित और स्वच्छ भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाएगा।

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