संवाददाता
पटना | 21 मई 2025 | बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और सामाजिक आंदोलन के क्षेत्र में बेहद जाना माना नाम मंजीत आनन्द साहू ने पटना में जातीय बंधन तोड़कर सामाजिक कार्य से जुड़ी आकांक्षा चित्रांश के साथ शादी के बन्धन में बंध गए हैं। मंजीत आनंद साहू ने एक बेहद सादे समारोह में संविधान को हाथ मे लेकर शादी की प्रक्रिया को पूरा किया । श्री साहू कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो कमिटी के सदस्य भी हैं।
उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा की सामाजिक सीमा की बाधा को न केवल उन्होंने स्वयं बल्कि उनके परिवार के लोगों ने भी स्वीकार किया । समाज आज जातिय जड़ता में उलझा हुआ है । ऐसे में इस प्रकार की शादियां सुखद एहसास कराती है । बाबा साहेब अंबेडकर ने अपनी पुस्तक जाति का विनाश में जाति उन्नमूलन के लिए अंतरजातीय विवाह पर जोर दिया है। उन्होंने लिखा है की अंतरजातीय विवाह एक सबसे बड़ा हथियार के रूप में है जिसके जरिए हम जाति की सीमा को समाज के भीतर नष्ट कर सकते हैं ।
मंजीत आनन्द साहू के साथ आकांक्षा चित्रांश का यह विवाह काफी चर्चा में है। आज दिखावे की और बेतहाशा दहेज और कई गैरजरुरी खर्चे से लबालब शादियां हम हर रोज देखते हैं लेकिन राजनीतिक जीवन जीने वाला, समाज मे अपनी पहचान रखने वाला युवा जब कोई ऐसा कदम उठाता है तो इसका बड़ा संदेश चारो दिशाओं में फैलता है। उसकी सकारात्मक गूंज भी सुनाई पड़ती है । मंजीत आनन्द साहू राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रहे संविधान सुरक्षा सम्मेलन के आयोजन समिति के सदस्यों में एक हैं । वे बेहद मुखर और प्रखर युवा नेता हैं । श्री साहू ने कहा की सामाजिक राजनैतिक व्यक्तित्व में मन वचन और कर्म के बीच एकरूपता की कमी आ गई है। इससे समाज मे बहुत ही ज्यादा छरण देखने को मिलता है । मैंने अपने विचारों को निजी जीवन मे आत्मसात करने का प्रयास किया है। समताबादी समाज का निर्माण का विचार ही सबसे बड़ा सशक्त विचार है