जितेंद्र कुमार सिन्हा / पटना
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का उल्लास राजधानी पटना में हर ओर देखने को मिला। इसी क्रम में पटना उच्च न्यायालय की अधिवक्ता श्रीमती वीणा कुमारी जायसवाल ने अपने आवास की छत पर बड़े ही श्रद्धा, भक्ति और विधि-विधान से छठ पूजा का आयोजन किया। उन्होंने सूर्य देव और छठी मइया की आराधना करते हुए परिवार, समाज और देश की सुख-समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर अनेक गणमान्य अतिथियों ने उपस्थित होकर श्रद्धा और भक्ति का परिचय दिया। उपस्थित प्रमुख लोगों में पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री उपेंद्र प्रसाद, अधिवक्ता राजीव रंजन, डॉ. अनिल कुमार जायसवाल, दीपक जायसवाल रजनीश रंजन (प्रधानाध्यापक) तथा निशांत गुप्ता (बिजनेसमैन) सहित कई समाजसेवी एवं परिजन सम्मिलित हुए। सभी ने मिलकर छठव्रती श्रीमती बीना कुमारी जायसवाल को शुभकामनाएं दीं और सूर्य देव से उनके परिवार के उज्जवल भविष्य की प्रार्थना की।
छत पर सजे छठ घाट को सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक बनाया गया था। केले के पेड़, दीया, फल, फूल और ठेकुआ की सुगंध वातावरण में छाई हुई थी। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के समय पूरा वातावरण “जय छठी मइया” के जयघोष से गूंज उठा। संध्या अर्घ्य के पश्चात अगले दिन प्रातःकालीन अर्घ्य के दौरान भी उपस्थित सभी लोगों ने सूर्य देवता को नमन किया।
श्रीमती बीना कुमारी जायसवाल ने कहा कि छठ पूजा भारतीय संस्कृति का ऐसा पर्व है जो आत्मसंयम, पवित्रता और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। यह पर्व न केवल महिलाओं की श्रद्धा का प्रतिमान है, बल्कि समाज में एकता, समर्पण और सामूहिक आस्था का संदेश भी देता है। उन्होंने बताया कि वर्षों से उनके परिवार में छठ पर्व परंपरागत रूप से श्रद्धा और सादगी के साथ मनाया जाता है।
उपस्थित लोगों ने भी इस बात पर सहमति जताई कि ऐसे पर्व समाज में धार्मिक सौहार्द, पारिवारिक एकता और मानवीय मूल्य को सशक्त करते हैं। श्री उपेंद्र प्रसाद ने कहा कि छठ केवल पूजा नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक विरासत है, जो बिहार की पहचान बन चुकी है।
पूरे आयोजन के दौरान स्वच्छता, अनुशासन और श्रद्धा का अद्भुत मेल देखने को मिला। वातावरण में भक्ति संगीत और लोकगीतों की मधुर ध्वनि गूंजती रही। अंत में प्रसाद वितरण के साथ पूजा का समापन हुआ।
इस तरह, अधिवक्ता श्रीमती बीना कुमारी जायसवाल के आवास पर आयोजित यह छठ पूजा कार्यक्रम आस्था, भक्ति और सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण बना, जिसमें श्रद्धालुओं ने सूर्य देव और छठी मइया से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की मंगल कामना की।
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