पटना : दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पपद मौत मामले में दुनिया भर की नजर अब सीबीआई पर टिकी है, क्योंकि मुंबई पुलिस की गैर जिम्मे दराना रवैये के बाद सर्वोच्च न्याकयालय के हस्तईक्षेप से सीबीआई इस केस की जांच कर रही है। मगर ये आसान नहीं था। सुशांत के फैंस और उनके जानने वाले को पहले दिन से ये विश्वा स नहीं है कि जीवटता से भरा इंसान आत्म हत्या कर सकता है। इसके बाद दुनिया भर में सुशांत को नयाय दिलाने के लिए सीमाएं टूट गई। यही वजह है कि आज ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, लंदन, कनाडा, इंडोनशिया मालदीव, कोरिया आदि कई देशों से सुशांत को नयाय दिलाने के लिए आवाज उठ रही। दुनिया भर के लोग शॉक्ड हैं कि बॉलीवुड में हो क्या रहा है।
उक्तह बातें आज पटना में प्रेस कांफ्रेस के दौरान मलेशिया ओरिजन की थालयानी नारायण गोमेश, यूएस बेस्डक डॉक्टर व यूएस आर्मी में सेवा दे रही और पीआइएल की दूसरी पेटिशनर सिंधू सिंह, अधिवक्ता मीनू, सुशांत मामले की पहली पेटिशनर अलका प्रिया और सुशांत के बचपन के दोस्त विशाल राजपूत ने कही। उन्होंने सुशांत से पहले जिया खान, दिव्या भारती, श्री देवी, दिशा शालियान, प्रत्यु षा बनर्जी चर्चित कलाकारों की हत्या का जिक्र करते हुए पूछा कि आखिरकार मुंबई पुलिस हर बार ऐसे मामले को सुसाइड बता कर रफा दफा क्यों करना चाहती है। आखिर अब तक इनको न्याय क्यों नहीं मिल पाई।
उन लोगों ने सुशांत सिंह मामले में भी यही करने की कोशिश की, मगर दुनिया भर में सुशांत को चाहने वाले करोड़ों फैंस को यह पता है कि सुशांत सुसाइड नहीं कर सकता। इसलिए पूरी दुनिया ने इसे रिकॉग्नापइज किया और आज बिहार, बंगाल, महाराष्ट्रॉ ही नहीं, दुनियाभर से लोग की बस एक ही मांग है। मामले का पटाक्षेप हो। सुशांत को न्याय मिले। इसके लिए सीबीआई इंक्वायरी पर भी सबों की नजर लगातार बनी हुई है। ऑस्ट्रे लिया, इजरायल, लंदन, कनाडा, इंडोनशिया, मालदीव कोरिया जैसे देशों से लोग हमारे संपर्क में हैं। सभी चाहते हैं इस मामले में न्याय हो। इसलिए हम सबों की पहल पर एक इंटरनेशनल ग्रुप बना, जिसने यूएन को लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग की है।
इस मामले की फर्स्ट पेटिशनर अलका प्रिया सुशांत को लेकर एक किताब भी लिख रही हैं। इस बारे में उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि सुशांत सिर्फ बिहार का स्टार नहीं है, वो प्रतिभा को प्रतिनिधित्व करता है। अगर उसकी आवाज दब गई, तो प्रतिभाशाली लोगों के साथ अन्याय होता रहेगा। उसके लिए कुछ करने की इच्छार के साथ मैंने किताब लिखने का फैसला किया है। वहीं, सुशांत के बचपन के दोस्त विशाल सिंह राजपूत ने बिहार में लगातार उनके लिए कैंपेन चला रहा हैं। उनका कहना है कि हम किसी भी कीमत पर दोषियों को बचने नहीं देगें। जब तक सुशांत के हत्याहरे सलाखों के पीछे नहीं होते, तब तक बिहार में बॉलीवुड की कोई फिल्में रिलीज नहीं होने देंगे।
अधिवक्ता मीनू ने बताया कि सुशांत को न्याय दिलाने के लिए सबसे पहले पीआईएल हमने दर्ज कराया। मकसद था इस मामले में सीबीआई जांच और भविष्यत में किसी प्रतिभाशाली कलाकारों के लिए शोषण और अत्याचार न हो, इसके लिए कोई रेगुलेटरी बॉडी बने। हम इस मामले को लोगों तक पहुंचाना चाहते थे। बॉलीवुड में शोषण को रोकने के लिए कोई कानून नहीं है। बॉलीवुड में मफिया और अंडर वर्ल्डं के पैसों की बात खुलकर सामने आती है, मगर उस पर कुछ होता क्योंव नहीं है। जब ऋषि कपूर जैसे लोग कबूल करते हैं कि वे दुबई में दाउद से मिलते हैं। सलमान खान स्वीजकारते हैं कि एश्वरिया राय को लेकर एक फिल्मस में अंडर वर्ल्डस का पैसा लगा है। तो इन सबों की जांच क्यों नहीं होनी चाहिए। आखिर ये देश द्रोही क्योंव नहीं हैं और इन पर देश द्रोह का मुकदमा क्योंल दर्ज नहीं होना चाहिए। आखिर कब तक इनके पापों की बलि अच्छे और प्रतिभाशाली कलाकारों को देनी होगी?