जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 19 नवंबर ::
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 20 नवम्बर को होने वाला शपथ ग्रहण समारोह बिहार की राजनीति के लिए केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि नए संकल्प और नए दौर की शुरुआत माना जा रहा है। राज्य की जनता ने एक बार फिर विश्वास का मत देते हुए एनडीए को प्रचंड समर्थन दिया है। इस विजय के केंद्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वह नेतृत्व रहा है, जिसकी पहचान सुशासन, विकास और सामाजिक न्याय से जुड़ी है।
जदयू विधि प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता दीपक कुमार अभिषेक ने कहा है कि यह जीत बिहार के नवनिर्माण की जीत है। जनता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि यदि नेतृत्व ईमानदार हो और विकास के लिए प्रतिबद्ध हो, तो जनता उसे बार-बार अपना समर्थन देती है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि “नीतीश कुमार के नेतृत्व का कोई विकल्प नहीं है और वे एनडीए के सर्वमान्य नेता हैं।”
उन्होंने ने कहा कि बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं, जिन्होंने प्रशासनिक ईमानदारी और संवेदनशीलता को प्राथमिकता दी है। वे न केवल सामाजिक न्याय की अवधारणा को मजबूत करते रहे हैं, बल्कि उन्होंने राज्य के हर वर्ग, महिलाओं, युवाओं, किसानों, पिछड़े और अत्यंत पिछड़े समुदायों के विकास के लिए निरंतर काम किया है। इससे उनकी लोकप्रियता लगातार बनी रही है और आज भी विकास के नाम पर ‘नीतीश मॉडल’ जनता के बीच भरोसे का प्रतीक है।
अभिषेक ने कहा कि 20 नवम्बर को गांधी मैदान इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनेगा। लाखों लोगों की मौजूदगी, राजनीतिक हस्तियों का जमावड़ा और भव्य मंच राज्य के लिए नए अध्याय की घोषणा करेगा। माना जा रहा है कि शपथ के बाद नई सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन के क्षेत्रों में तेज गति से कार्य करेगी। विशेष रूप से कानून-व्यवस्था और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर नीतीश कुमार की कार्यशैली को देशभर में सराहा गया है।
दीपक अभिषेक के अनुसार, “यह जीत जनादेश का सम्मान है और बिहार के उज्ज्वल भविष्य के प्रति जनता के भरोसे की मुहर है।” जनता का यह भरोसा बताता है कि विकास की राह पर चलने वाला बिहार अब स्थिरता, सुशासन और प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि गांधी मैदान से उठने वाला यह नया संकल्प आने वाले वर्षों में बिहार को एक नए विकासपथ पर ले जाएगा। 20 नवम्बर का दिन केवल शपथ का दिन नहीं, बल्कि उम्मीदों, विश्वास और बदलाव के नए युग का आरंभ होगा।
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