29 C
Patna
Thursday, March 13, 2025
spot_img

मिक्की माउस बनकर जागरूकता के माध्‍यम से थैलीसीमिया के प्र‍त‍ि कर रहे है जागरूक

अनूठी पहल: कोसी क्षेत्र में गणेश कुमार भगत ने स्वम मिक्की माउस बनकर जागरूकता के माध्‍यम से थैलीसीमिया के प्र‍त‍ि कर रहे है जागरूक, तेजी से लोग आ रहे चपेट में

थैलीसीमिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बिहार में अनूठी पहल की गई है। लोग इसके प्रति जागरूक रहे हैं। कोसी क्षेत्र में कई लोगों इस तरह की पहल का हिस्‍सा बन चुके हैं।

लगातार बढ़ रहे थैलीसीमिया के मरीज की संख्या को काबू पाने के लिए अब कोसी क्षेत्र के लोग जागरूक होने लगे हैं। अब कोसी क्षेत्र में गणेश स्वम मिक्की माउस बनकर परिवार के सुख के लिए शादी से पहले या संतान होने से पहले पति-पत्नी को थैलीसीमिया की एचबीए टू जांच कराने की अपील की जा रही है। बचाव की पहल पर आमलोगों को जागरूक करने के लिए यह अनोखा प्रयोग शुरू हुआ है। इस अभियान में लगे लोगों का मानना है कि लोगों के जागरूक होने और समयपूर्व जांच करवाने से थैलीसीमिया के मरीजों की संख्या में काबू पाया जा सकता है और रक्त की कमी के कारण बच्चों की मौत को रोका जा सकता है।

गणेश कुमार ने बताया कि थैलीसीमिया बच्चों को उनके माता- पिता से मिलनेवाला अनुवांशिक रक्त रोग है। इसकी पहचान बच्चे के जन्म के तीन माह बाद हो पाता है। इस मरीज के शरीर में नए रक्तकोशिका का निर्माण नहीं होता। मरीज को खून की कमी के कारण बुखार होने लगता है, भूख नहीं लगता, शरीर अत्यधिक कमजोर होने लगता है। इसके लिए उसे हर 15 दिन पर रक्त की आवश्यकता होती है। बिहार राज्य रक्ताधन परिषद द्वारा सरकारी और निजी रक्त केंद्र को थैलीसीमिया मरीजों को तत्काल रक्त उपलब्ध कराने का आदेश है। बावजूद इसके मरीजों के अभिभावकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

श्रीशंकरबाबू स्मृति सेवा फाउंडेशन के निर्देशक गणेश कुमार भगत और आशीष गुप्ता प्रदीप कुमार प्रेम समस्त टीम द्वारा इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को शादी व अन्य मौके पर आमंत्रण पत्र के जरिए भी लोगों को इसके लिए जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। गणेश कुमार भगत कहते हैं कि उन्होंने अपनी 33 वर्ष की आयु में लोगों की जान बचाने के लिए 43 बार रक्तदान किया। इससे कई थैलीसीमिया मरीजों को भी बचाया गया है, परंतु यह समस्या का समाधान नहीं है।

खासकर समय पर जांच कर थैलीसीमिया के रोगियों की संख्या नियंत्रित की जा सकती है। कहा कि जस प्रकार शादी के पहले कुंडली मिलान किया जाता है, उसी प्रकार विवाह से पूर्व लड़का- लड़की को एचबीए टू जांच करवाना चाहिए। जहां जांच में दोनों का रिपोर्ट मेजर पाया जाता है, तो इस प्रकार की शादी को रोकना चाहिए। इससे थैलीसीमिया मरीजों की बढ़ती संख्या को रोका जा सकता है। इसके लिए समिति के सदस्यों द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!