जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 19 अक्टूबर ::
बिहार विधान सभा आम निर्वाचन, 2020 के मतदान की तिथि जैसे जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे लोजपा और बीजेपी में जुबानी जंग तेज होते जा रही है।
बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी तो लोजपा के विरुद्ध अपनी जुबानी जंग पहले से ही चालू रखे हुए थे, अब वे इसमें तेजी लाये हैं। इस जंग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद लोग यह समझ रहे हैं कि लोजपा पूरे तौर पर बैकफुट पर आ गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने बीजेपी नेताओं बयान पर तंज कसना शुरू किया है। अमित शाह ने लोजपा को एनडीए से बाहर जाने के लिए लोजपा को खुद जिम्मेदार कहा है। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि मैं नहीं चाहता की मेरी वजह से प्रधानमंत्री मोदी किसी धर्मसंकट में पड़े। वे अपना गठबंधनधर्म निभाए। मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश को संतुष्ट करने के लिए मेरे ख़िलाफ़ भी कुछ कहना पड़े तो निस्संकोच कहे।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश जी को भाजपा के साथियों का धन्यवाद देना चाहिए कि वे लोग गठबंधन धर्म निभा रहे है और नीतीश जी को चिराग के साथ नहीं रहने का प्रमाण पत्र दे रहे है।
लोजपा अध्यक्ष ने कहा है कि इस बार की चुनाव में मुझे 200 प्रतिशत विश्वास है कि नीतीश कुमार इसबार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि कोई कितना भी प्रयास कर ले मैं प्रधानमंत्री की बुराई क्यों करूं।भाजपा कह दे कि अगर जेडीयू के साथ आंकड़े नहीं आए तो लोजपा का समर्थन नहीं लिया जाएगा।
लोजपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि हमारी पार्टी 143 सीटों पर अकेला चुनाव लड़ रहा है। पापा कहा करते थे कि शेर अकेला जंगल में लड़ता है। अगर मैं शेर का बच्चा हूं तो अकेला जंगल में लड़ रहा हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि चुनाव में लोजपा की जीत होगी।
बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा खुद को एनडीए का हिस्सा मान रही है और उनके सभी प्रत्याशी लगातार नरेंद्र मोदी को ही अपना नेता मान रहे हैं।
वहीं भाजपा के नेता एलजेपी को दरकिनार करते हुए लगातार हमलावर बनी हुई है और उसे एनडीए का हिस्सा मानने से इंकार कर रही है। भाजपा में एक दो नहीं बल्कि कई नेता एलजेपी के विरोध में खुलकर बोल रहे हैं।