नई दिल्ली. नौकरी करने वालों के लिए फॉर्म -16 (Form 16) बहुत जरूरी होता है. इसीलिए इसका बेसब्री से इंतजार किया जाता है. फॉर्म 16 (What is form 16) आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने में मदद करता है. साथ ही इसका इस्तेमाल आपकी आमदनी के सबूत (Proof of Income) के तौर पर होता है. सीबीडीटी (CBDT) की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, अब फॉर्म-16 को 15 अगस्त तक जारी किया जाएगा. इस फॉर्म का इनकम टैक्स रिटर्न भरने में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आईटीआर फाइल करने की अवधि भी 30 नवंबर 2020 तक बढ़ा दी गई है.
कब जारी होता है फॉर्म-16-इनकम टैक्स एक्ट में इम्प्लॉयर को टीडीएस रिटर्न (TDS Return) फाइल करने के लिए 31 मई तक का वक्त मिलता है, जबकि 15 जून तक फॉर्म-16 जारी करना होता है. इस बार नियोक्ता या कंपनी को 31 जुलाई 2020 तक टीडीएस रिटर्न फाइल करने की छूट दे दी गई है. इसके 15 दिन बाद फॉर्म-16 जारी किया जाता है. इस आधार पर 15 अगस्त को फॉर्म-16 जारी हो जाना चाहिए. हालांकि, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर सार्वजनिक अवकाश होने के कारण फार्म-16 के 16 अगस्त को जारी होने की उम्मीद की जा सकती है.
अपने फॉर्म-16 के बारे में जानिए
(1) इसे कंपनियां अपने कर्मचारियों को जारी करती हैं. यह कर्मचारी की सैलरी से काटे गए TDS (स्रोत पर कर कटौती) को सर्टिफाई करता है. इससे यह भी पता चलता है कि संस्थान ने आपके हिस्से का टैक्स (TDS) काटकर आयकर विभाग के खाते में जमा कर दिया है.
(2) इस फॉर्म के दो हिस्से होते हैं. पार्ट ए और पार्ट बी. पार्ट ए में संस्थान का TAN, उसका और कर्मचारी का पैन (PAN of Employee), पता, एसेसमेंट ईयर (AE), रोजगार की अवधि (Duration of Employment) और सरकार को जमा किए गए टीडीएस का संक्षिप्त ब्योरा होता है.
(3) फॉर्म 16 के पार्ट बी में सैलरी का ब्रेक-अप, क्लेम किए गए डिडक्शन (Deduction claimed), कुल टैक्स योग्य इनकम (Taxable Income) और सैलरी से काटे गए टैक्स का ब्योरा शामिल होता है.
(4) संस्थान के लिए फॉर्म 16 जारी करना जरूरी है. इसके अलावा साल के बीच में अगर नौकरी बदलती है तो भी कंपनी को फॉर्म 16 जारी करना पड़ता है.
(5) फॉर्म 16 आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने में मदद करता है. इसका इस्तेमाल इनकम के सबूत की तरह होता है.