भोजपुरी फिल्मों के तीसरे दौर के शुरूआत से ही लोक गायकों का कब्जा हो गया।इसके पूर्व के दो दौर में विशुद्ध अभिनेता ही भोजपुरिया दर्शकों के दिलों पर राज करते थे। लेकिन तीसरे दौर में वही अभिनेता सफल हुए जो अच्छे लोक गायक रहे, जो आज तक बरकरार है।हालांकि इस दौर में इन लोक गायक अभिनेताओं को बहुत हद तक विशुद्ध अभिनेता रवि किशन ने चुनौती दी, मगर वे भी 2010 के बाद शांत पड़ गए।इस दौरान उन्होंने हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों की ओर रूख कर लिया।अब भाजपा के टिकट पर गोरखपुर के सांसद भी बन गए है। रवि किशन के अलावा कोई भी अभिनेता इन लोक गायक अभिनेताओं को चुनौती नहीं दे पाए. लेकिन अब विशुद्ध रूप से भोजपुरी सिनेमा में प्रदीप पांडेय “चिंटू” ने दस्तक दी है।जिनसे इन लोक गायक अभिनेताओं को टक्कर मिल रही है।
चिंटू दर्शकों को अपने अंदाज और अभिनय क्षमता के बल पर पसंद भी आ रहे हैं। लोक गायकों की भीड़ में चिंटू ने अपनी जबरदस्त पहचान बनाई है।इनकी फिल्म हर तरह के दर्शक देखते हैं। इनकी फिल्में हमेशा सार्थक फिल्म होती है।बता दें कि भोजपुरी के तीसरे दौर के शुरुआत ही फ़िल्म ससुरा बड़ा पैसावाला से हुई थी, जिसमें प्रसिद्ध लोक गायक मनोज तिवारी पहली बार बतौर अभिनेता स्क्रीन पर नजर आए। इस फिल्म में दर्शकों न सिर्फ उनको पसंद किया, बल्कि फिल्म ने सफलता के झंडे गाड़ दिए। ये बात 2004 की है।तब से लेकर 2009 तक मनोज तिवारी का ही भोजपुरिया बॉक्स ऑफिस पर कब्जा रहा।हालांकि इसी समय मनोज तिवारी को मेगा स्टार रवि किशन से चुनौती मिलती रही। कई बार दोनों ने एक साथ भी भोजपुरी सिनेमा के स्क्रीन को शेयर करते नजर आए। फिल्में भी सफल रही।
फिर 2007 के बाद दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ ने भोजपुरी फिल्म जगत में इंट्री की।निरहुआ भी लोक गायक थे, सो भोजपुरिया दर्शकों ने इन्हें भी अपना स्टार बना लिया।इसके बाद तो इंडस्ट्री में लोक गायकों का नायक बनने का दौर ही शुरू हो गया।पवन सिंह, खेसारीलाल यादव, राकेश मिश्रा, अरविंद अकेला कल्लू,रितेश पांडेय,समर सिंह,गुंजन सिंह जैसे कई लोक गायक भोजपुरिया इंडस्ट्री में आए और छा गए।यह सिलसिला अभी तक बरकरार है।लेकिन पिछले पांच-छह सालों से इन लोक गायक अभिनेताओं को रवि किशन के बाद प्रदीप पांडेय “चिंटू” से जबरदस्त टक्कर मिल रही है।
चिंटू का भोजपुरिया पर्दे पर आगमन एक बाल कलाकार के रूप में हुआ था। 2009 में दिनेश लाल यादव निरहुआ की फ़िल्म ‘दीवाना’ में चिंटू बाल कलाकार की भूमिका में थे। उसके बाद 2010 के अंत में फिल्म ‘देवरा बड़ा सतावेला’ से बतौर नायक इंट्री मारी।फ़िल्म में रवि किशन और पवन सिंह भी साथ थे।फ़िल्म को लोगो ने काफी पसंद किया।मगर उससे ज्यादा लाभ चिंटू को नही मिला।सारा क्रेडिट रवि किशन और पवन सिंह ले गए।लेकिन अपने दमदार अभिनय के बल पर चिंटू दर्शको के बीच अपनी पहचान बनाने में सफल रहे।
तब से लेकर 2015 तक चिंटू की कई फिल्में आयी।2016 में आई फिल्म ‘दीवाने’ और ‘दुल्हिन चाही पाकिस्तान से’ की अपार सफलता ने चिंटू को नंबर 1 की रेस में पहुंचा दिया।उसमे बाद चिंटू ने जबरदस्त इंट्री मारी। फ़िल्म ट्रक ड्राइवर, ‘मोहब्बतें’ ‘ससुराल’ ‘मेहंदी लगा के रखना 2’ ‘विवाह’ ‘मंदिर वही बनाएंगे’ ‘लैला मजनू’ आदि ने भोजपुरिया बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की।यह इन लोक गायक अभिनेताओं को सीधे-सीधे चुनौती थी।यहा तक कि चिंटू ने शौकिया तौर पर जब एक गाना गाया की जिसके बोल थे पांडेय जी का बेटा हु ने इन लोक गायक अभिनेताओं से ज्यादा व्यूज ले आये।सेटेलाइट चैनलों पर भी इनकी फिल्में ज्यादा टी आर पी बटोरती है।फिलहाल चिंटू की प्रेम युद्ध, जय शंभू, कमांडो अर्जुन, पिया मिलन चौराहा आदि आने वाली फिल्में हैं।पराग पाटिल द्वारा निर्देशित व प्रदीप सिंह व प्रतीक सिंह द्वारा निर्मित फ़िल्म ‘दोस्ताना’ जल्द ही प्रदर्शित होगी।