चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद (India-China Border Dispute) को लेकर जापान (Japan) ने खुलकर भारत का समर्थन किया है. भारत में जापान के राजदूत सतोशी सुजुकी (Satoshi Suzuki) शुक्रवार को जापान के भारत के साथ मजबूती से खड़े होने की पुष्टि की. साथ ही कहा कि वह लद्दाख (Ladakh) में एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (एलएसी) जहां पर 15 जून को चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, वहां पर पहले जैसी स्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करते हैं.
भारत ने जापान को दी LAC की स्थिति की जानकारी
भारत ने ने पिछले महीने गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई झड़प के बाद एलएसी की स्थिति को लेकर टोक्यो को जानकारी दी. फेस-ऑफ के बाद भारत ने कहा था कि चीनी सैनिकों ने डी-एस्केलेशन के दौरान एकतरफा रूप से पहले जैसी स्थिति को बदलने का प्रयास किया है.
जापानी राजदूत और भारत के विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला के बीच फोन पर बात हुई थी, जिसमें उन्होंने भारत को अपना समर्थन जाहिर किया है. इस बातचीत को लेकर सुजुकी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि जापान बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद करता है.
सुजुकी ने लिखा, “विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला के साथ अच्छी बातचीत हुई. एलएसी के हालात पर उनकी ब्रीफिंग और भारत सरकार की शांतिपूर्ण समाधान की नीति को लेकर मैं उनकी सराहना करता हूं. जापान भी उम्मीद करता है कि बातचीत के जरिए इस समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाएगा. जापान, यथास्थिति बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करता है.”
मई से भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव बढ़ रहा है. चीनी और भारतीय सैनिक एलएसी पर कई बार आमने-सामने आ चुके हैं. भारत और चीन के बीच सीमा तनाव चीनी सैनिकों द्वारा एकतरफा रूप से डी-एस्केलेशन के दौरान यथास्थिति को बदलने के प्रयास के बाद 15-16 जून को गालवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों के बाद से ज्यादा बढ़ा है. भारतीय इंटरसेप्ट से पता चला कि चीनी पक्ष के 43 सैनिक हताहत हुए.