कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला कुख्यात अपराधी विकास दुबे आखिरकार मारा गया है। यूपी पुलिस की मुताबिक उज्जैन से कानपुर लाने के दौरान रास्ते में एसटीएफ की गाड़ी में सवार था वह हादसे का शिकार हो गई है। हादसे में घायल होने के बाद कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने पुलिसकर्मी के हथियार छीन कर भागने की कोशिश की, इस दौरान पुलिस की टीम ने उसको घेरकर आत्मसर्मपण करने को कहा इस पर उसने जवाबी फायरिंग कर दी, एसटीएफ की फायरिंग में विकास दुबे गंभीर रूप से घायल हुआ जिसके बाद उसे इलाज के लिए कानपुर के हैलेट अस्पताल में जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसको मृत्यु घोषित कर दिया ।
गौरतलब है कि कानपुर में 2-3 जुलाई की रात में मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाला कुख्यात अपराधी विकास दुबे की गुरुवार सुबह मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तारी के बाद यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को गुरुवार रात उज्जैन से लेकर कानपुर के लिए निकली थी। इस दौरान जब एसटीएफ की टीम कानपुर के भर्रा थाना इलाके में पहुंची थी तभी काफिले की
वह गाड़ी पलट गई जिसमें विकास दुबे एसटीएफ की टीम के साथ सवार थे।
कुख्यात अपराधी विकास दुबे और पुलिस में जहां मुठभेड़ हुई वह स्थान कानपुर से कुछ किलोमीटर दूर सचेंडी थाना इलाके में आना वाला क्षेत्र है। पुलिस के मुताबिक विकास दुबे जिस गाड़ी में सवार था वह डिवाइडर से टकराने के बाद पलट गई इसके बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और क्रास फायर वह मारा गया।
नाटकीय अंदाज में हुई थी गिरफ्तारी – 60 मामलों में आरोपी गैंगेस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह बड़े ही नाटकीय अंदाज में उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया था। अपनी गिरफ्तारी के बाद खुद विकास दुबे ने भी चिल्ला-चिल्ला कर बताया कि मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला ।
7 दिन तक पुलिस का छांकने वाला विकास दुबे कई राज्यों की पुलिसकर्मियों को चकमा देने के बाद गाड़ी से खुद बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचा था। विकास दुबे के साथ उसके दो साथी बिट्टटू और सुरेश को भी उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तारी के बाद विकास दुबे ने खुद चिल्ला –चिल्ला कर अपने को कानपुर वाला विकास दुबे बताया है।
मंदिर के पुजारियों और सुरक्षा गार्डो के मुताबिक विकास दुबे जो अपने सथियों के साथ सुबह महाकाल मंदिर पहुंचा तो उन्होंने उसको पहचान लिया और पकड़ लिया।
महाकाल मंदिर के सुरक्षा गार्ड लखन यादव जिसने अपने सथियों के साथ विकास दुबे को सबसे पहले देखा और पकड़ा उसके मुताबिक विकास दुबे अपने सथियों के साथ सुबह 7 बजे पीछे वाले गेट से आने की कोशिश कर रहा था तब हमने उसको पहचाना लिया और अपने सथियों के साथ उसको पकड़ लिया और पुलिस
को सूचना दी। गार्ड लखन यादव ने बताया कि टीवी पर चल रहे विकास दुबे को पहचाना।